रमजान के मौके पर असदुद्दीन ओवैसी बोले- लॉकडाउन खत्म होने के बाद पहली चीज यह होनी चाहिए
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मांग की है कि लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए प्रवासी मजदूरों को केंद्र सरकार राहत दे और राज्य सरकारें उन्हें घर भेजने के लिए इंतजाम करें.
हैदराबाद:
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मांग की है कि लॉकडाउन (Lockdown) से बुरी तरह प्रभावित हुए प्रवासी मजदूरों को केंद्र सरकार राहत दे और राज्य सरकारें उन्हें घर भेजने के लिए इंतजाम करें. ओवैसी ने यह मांग भी की कि राजग सरकार लॉकडाउन के बाद कई लोगों की नौकरियां जाने की आशंका के मद्देनजर भी योजना बनाए. उन्होंने रमजान के मौके पर बृहस्पतिवार रात को एक ऑनलाइन संदेश में कहा, लॉकडाउन समाप्त होने के बाद पहली चीज यह होनी चाहिए कि प्रत्येक राज्य सरकार उन प्रवासी मजदूरों के लिए इंतजाम करे जो अपने गांव, कस्बों को जाना चाहते हैं.
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ओवैसी ने कहा, वे चिंतित हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बिना योजना के लॉकडाउन की घोषणा की गयी और बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड समेत कई राज्यों के मजदूरों को राहत देने के बारे में नहीं सोचा गया. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रवासी मजदूर बहुत परेशानियों का सामना कर रहे हैं. ओवैसी ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि बनारस के एक अधिकारी ने आदेश जारी किया कि शहर में रहने वाले तेलंगाना के श्रमिकों को वापस भेजा जा रहा है, लेकिन हैदराबाद में काम कर रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल के प्रवासी मजदूरों को उनके गांव क्यों नहीं भेजा जा सकता.
उन्होंने कहा, ऐसी क्या बात है कि आप बनारस से भेज सकते हैं, लेकिन हम तेलंगाना से नहीं भेज सकते. वे परेशान हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना को रोक दें जिसकी लागत 30,000 करोड़ रुपये आने की संभावना है. इस पैसे का इस्तेमाल गरीबों को राहत पहुंचाने में किया जाए. ओवैसी ने कहा कि अगर सांसदों को दी जाने वाली राशि रोकी जा सकती है, तो सेंट्रल विस्टा परियोजना को क्यों नहीं रोका जा सकता. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि देश में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है.
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ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बात तो ठीक कही थी कि वायरस का कोई धर्म नहीं होता लेकिन एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तबलीगी जमात तालिबानी है.महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके चालक की हत्या की निंदा करते हुए एआईएमआईएम नेता ने आरोप लगाया कि एक भाजपा प्रवक्ता ने इसके लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया जबकि महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी आरोपियों की सूची में एक भी मुस्लिम नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर अखलाक, पहलू खान और अन्य ऐसे लिंचिंग के मामलों में कार्रवाई की गयी होती तो पालघर की घटना नहीं होती. ओवैसी ने मुसलमानों से अपील की कि रमजान के पवित्र महीने में लॉकडाउन के दौरान घरों पर ही इबादत करें.
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