भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने येस बैंक (Yes Bank) पर पाबंदी लगा दी है. जिसकी वजह से बैंक खाताधारकों का संकट बढ़ गया है. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा हैं कि वो किसी भी खाताधारकों का पैसा डूबने नहीं देंगे. वहीं, विपक्षी दलों की ओर से मोदी सरकार पर प्रहार भी शुरू हो चुका है.
एआईएमआईएम (AIMIM) पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पूछा है कि क्या बैंकों में हमारी बचत सुरक्षित है? ट्वीट करके ओवैसी ने पूछा, 'पहले आईएलएफएस (ILFS) और दीवान जैसे गैर बैंक थे जो गिरती अर्थव्यवस्था के वजन के नीचे दब गए थे. फिर अमीर राज्य महाराष्ट्र में एक बड़ा सहकारी बैंक पीएमसी बैंक भी असफल हो गया. अब यस बैंक भी असफल हो गया. क्या हमारी बचत बैकों में सुरक्षित हैं?

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रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को येस बैंक में कामकाज पर रोक लगाते हुए तमाम अंकुश लगाए हैं. रिजर्व बैंक ने येस बैंक से धन निकासी की सीमा 50,000 रुपये प्रति खाता तय की है. इसके अलावा बैंक कोई नया कर्ज नहीं दे सकेगा और न ही कोई निवेश कर सकेगा.
निजी क्षेत्र के बैंक के लिए समाधान ढूंढ लिया जाएगा
रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त येस बैंक के प्रशासक प्रशांत कुमार ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि 30 दिन की रोक की अवधि समाप्त होने से पहले ही निजी क्षेत्र के बैंक के लिए समाधान ढूंढ लिया जाएगा. कुमार भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) है. कुमार ने जमाकर्ताओं को आश्वस्त किया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित और उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है.