नोटबंदी पर आरबीआई की ताजा रिपोर्ट आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का बचाव किया है। जेटली ने कहा है कि सरकार का मकसद लोगों के पैसों को जब्त करना नहीं था।
नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 30 जून तक के आंकड़े जारी किए है जिसमें बताया गया है कि करीब 99 प्रतिशत पैसा वापस बैंकों में लौट आया है।
वित्त मंत्री ने कहा, 'नोटबंदी इसलिए की गई थी कि क्योंकि भारत तेजी से कैश इकोनमी वाला देश बनता जा रहा था जिसको कम करना बेहद जरूरी था।' जेटली ने कहा, 'आरबीआई के ताजे आंकड़ों के मुताबिक नकदी मुद्रा (कैश) की मात्रा में 17 फीसदी तक की कमी आई है। वित्त मंत्री ने कहा, 'अब सरकार का अगला मुख्य मकसद चुनाव में काले धन के इस्तेमाल को खत्म करना है।'
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गौतलब है कि पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल 30 जून तक के आंकड़े जारी किए हैं। आरबीआई ने जारी आंकड़ों में बताया है कि नोटबंदी के दौरान देश में प्रचलन में रहे 15.44 लाख करोड़ रुपये के प्रतिबंधित नोट में से 15.28 लाख करोड़ रुपये प्रणाली में वापस लौट कर आ गए हैं।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि, '1000 रुपये के मात्र 1.3 प्रतिशत नोट ही बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं लौटे हैं।'
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HIGHLIGHTS
- वित्त मंत्री जेटली ने नोटबंदी का किया बचाव
- आरबीआई की रिपोर्ट के बाद कहा नोटबंदी के बाद कैश में आई 17 फीसदी की कमी
Source : News Nation Bureau