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आर्यन खान को ड्रग्स मामले में फंसाया गया था, इस गवाह ने....

मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में गवाह विजय पगारे ने 4 नवंबर को मुंबई पुलिस की एसआईटी के साथ अपना बयान दर्ज कराया था जिसमें उन्होंने दावा किया कि 2 अक्टूबर को क्रूज जहाज पर छापेमारी पूर्व नियोजित थी और आर्यन को कुछ लोगों ने पैसा कमाने के लिए फंसाया था.

Updated on: 07 Nov 2021, 08:23 AM

highlights

  • कहा- 2 अक्टूबर को क्रूज जहाज पर छापेमारी पूर्व नियोजित थी
  • आर्यन को कुछ लोगों ने पैसा कमाने के लिए फंसाया था
  • वह पिछले कुछ महीनों से सुनील पाटिल के साथ रह रहे थे

मुंबई:

मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में गवाह विजय पगारे ने 4 नवंबर को मुंबई पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) के साथ अपना बयान दर्ज कराया था जिसमें कई अहम जानकारी उन्होंने पुलिस को दी है. गवाह पगारे ने दावा किया कि 2 अक्टूबर को क्रूज जहाज पर छापेमारी पूर्व नियोजित थी और बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान की बेटे आर्यन को कुछ लोगों ने पैसा कमाने के लिए फंसाया था. विजय पगारे ने दावा किया कि वह पिछले कुछ महीनों से सुनील पाटिल के साथ रह रहे थे ताकि उन पर बकाया धन की वसूली की जा सके. इस प्रकार आर्यन खान की कथित जबरन वसूली और फंसाने का मामला सामने आया. सुनील पाटिल का नाम शनिवार को उस समय सामने आया था जब महाराष्ट्र भाजपा नेता मोहित कंबोज ने दावा किया कि वह इस मामले में 'मास्टरमाइंड' हैं और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ नजदीकी से जुड़े हुए हैं.

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एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ जबरन वसूली के आरोपों की जांच के लिए 27 अक्टूबर को गठित मुंबई पुलिस एसआईटी को दिए अपने बयान में, गवाह विजय पगारे ने इससे जुड़े घटनाओं के बारे में बताया. उनके अनुसार, वह पिछले कुछ महीनों से सुनील पाटिल के साथ रह रहे थे क्योंकि उन्हें उनसे एक निश्चित राशि की वसूली करनी थी. महाराष्ट्र बीजेपी नेता मोहित कंबोज के मुताबिक, सुनील पाटिल एनसीपी नेताओं के करीबी हैं. जबरन वसूली के आरोपों की जांच के दौरान उसका नाम सामने आया है. 

धुले निवासी गवाह विजय पगारे ने दावा किया कि वह सुनील पाटिल के साथ रह रहा था ताकि वह अपने बकाया पैसे का भुगतान कर सके. पगारे ने कहा, “मैंने उसे 2018 में किसी काम के लिए भुगतान किया था. उसने काम नहीं किया और मेरे पैसे वापस नहीं कर रहा था, इसलिए, वह जहां भी गए, मैं उनका पीछा कर रहा था. मैं उनके साथ अहमदाबाद, सूरत और मुंबई के होटल में था. विजय पगारे ने बताया कि सुनील पाटिल 27 सितंबर को नवी मुंबई के फॉर्च्यून होटल में ठहरे हुए थे. उनके मुताबिक गवाह केपी गोसावी के नाम से भी उसी होटल में एक कमरा बुक किया गया था. उन्होंने दावा किया कि छापे से कुछ दिन पहले होटल में भाजपा से जुड़े गवाह मनीष भानुशाली, केपी गोसावी और सुनील पाटिल मिले थे.