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IB के निदेशक को मिला सेवा विस्तार, जानें कब तक बने रहेंगे पद पर

कार्मिक प्रशिक्षण विभाग ने देश के दो आला अफसर को सेवा विस्तार दिया है. कार्मिक प्रशिक्षण विभाग के और से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि देश के दो बड़े अफसर को अपने कार्यकाल के बाद अलग से एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जा रहा है.

Updated on: 27 May 2021, 05:28 PM

दिल्ली :

कार्मिक प्रशिक्षण विभाग ने देश के दो आला अफसर को सेवा विस्तार दिया है. कार्मिक प्रशिक्षण विभाग के और से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि देश के दो बड़े अफसर को अपने कार्यकाल के बाद अलग से एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जा रहा है. बता दें कि इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख के पद पर तैनात अरविंद कुमार को सेवा विस्तार दिया गया है. इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार को वर्तमान कार्यकाल के आलावा एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया गया है. अरविंद कुमार इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख के तौर पर इस कार्यकाल के बाद भी अगले एक वर्ष तक अपने पद पर बने रहेंगे. इसके अलावे अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ) के सचिव सामंत कुमार गोयल को भी सेवा विस्तार दिया गया है. सचिव सामंत कुमार गोयल भी अपने वर्तमान कार्यकाल खत्म होने के बाद भी अगले एक साल तक अपने पद पर बने रहेंगे. 

एक कुशल रणनीतिकार, एक तेज तर्रार पुलिस अधिकारी और अव्वल दर्जे के जासूस माने जाते हैं अरविंद कुमार। देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के निदेशक अरविंद कुमार को उनके महकमे में बेहद सुलझे हुए अधिकारी के तौर पर माना जात है. आईबी का निदेशक नियुक्त किए जाने से पहले अरविंद कुमार आईबी की कश्मीर विंग को संभाल रहे थे. कुमार को वामपंथी उग्रवाद के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है. यूपीए-2 में माओवाद विरोधी अभियानों के दौरान, कुमार बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों के प्रभारी थे. जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों को देखने की मुख्य जिम्मेदारी अरविंद कुमार की ही थी. इस दौरान पिछले तीन सालों में 700 से अधिक आतंकवादी मारे गए.

गोयल पंजाब कैडर के अधिकारी हैं. सामंत गोयल अनिल धस्माना की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल 29 जून को समाप्त हो रहा है. एनडीटीवी के मुताबिक गोयल ने 1990 के दशक में अपने चरम पर रहे पंजाब उग्रवाद को संभालने में मदद की थी और इन्हें दुबई व लंदन में तैनात किया जा चुका है. सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच उठे विवाद के दौरान सामंत गोयल का भी नाम सामने आया था. उस समय गोयल पर आरोप लगा था कि उन्होंने बिचौलिए के जरिए मोईन कुरैशी मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले को कमजोर करने की कोशिश की है.