Nirbhaya Case: पिता ने दोषियों को फांसी नहीं दिए जाने पर केजरीवाल को ठहराया जिम्मेदार
निर्भया के पिता बद्रीनाथ से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने सीधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जेल प्रशासन दिल्ली सरकार के अंतर्गत ही आता है
नई दिल्ली:
निर्भया के हत्यारों को फांसी की सजा एक बार फिर से टल गई है, अब इन दोषियों को अदालत के अगले आदेश तक फांसी नहीं दी जाएगी. वहीं निर्भया के पिता बद्रीनाथ से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने सीधे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जेल प्रशासन दिल्ली सरकार के अंतर्गत ही आता है इसलिए दोषियों को अबतक फांसी नहीं दिये जाने की वजह उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ठहराया है.
आपको बता दें कि इसके पहले शुक्रवार को दिल्ली की अदालत ने निर्भया के दोषियों की फांसी अगल आदेश तक टाल दी है. आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी टाल दी गई हो. इससे पहले 22 जनवरी को दिल्ली की अदालत ने चारों दोषियों को फांसी मुकर्रर करते हुए डेथ वारंट जारी किया था, लेकिन राष्ट्रपति के पास एक दया याचिका लंबित होने के चलते फांसी टल गई थी. इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने दूसरी बार एक फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी का समय तय किया था, लेकिन करीब 12 घंटे पहले आज शुक्रवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने एक बार फिर फांसी की सजा टाल दी गई है.
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आपको बता दें कि अब फांसी की सजा पाए दोषी अब फांसी की सजा टालने के लिए हथकंडे नहीं अपना सकेंगे. निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों की ओर से लगातार फांसी की सजा टालने के लिए कोर्ट की रुख करने के बाद शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट इस बात पर सहमत हो गया है कि इस मामले में नए दिशा निर्देश तय किए जाएं. फांसी की सजा के मामलों में पीड़ित और समाज के हित को ध्यान में रखते हुए दिशा निर्देश बनाये जाने की केंद्र सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका पर नोटिस जारी किया है. सरकार का कहना है कि 2014 में शत्रुघ्न चौहान केस में दिए SC के दिशा निर्देश दोषियों के लिए फांसी टलवाने के लिए हथकंडा बन गया है.
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निर्भया गैंग रेप मामले में दोषी लगातार फांसी की सजा को टालने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. शुक्रवार को दोषी विनय से भी सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की है. दूसरी तरह तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा है कि इस मामले में दोषी विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित हैं ऐसे में उसे छोड़कर अन्य दोषियों को एक फरवरी को फांसी दी जा सकती है.
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