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कन्‍हैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देकर पी चिदंबरम के निशाने पर आए अरविंद केजरीवाल

पी चिदंबरम ने कन्हैया कुमार एवं कुछ अन्य लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए शनिवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राजद्रोह कानून के बारे में दिल्ली सरकार की समझ गलत है.

Updated on: 29 Feb 2020, 10:59 AM

दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने कन्हैया कुमार एवं कुछ अन्य लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए शनिवार को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि राजद्रोह कानून के बारे में दिल्ली सरकार की समझ गलत है. चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘राजद्रोह कानून को लेकर दिल्ली सरकार की समझ केंद्र से कुछ कम गलत नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ''मैं कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए और 120 बी के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दिए जाने को पुरजोर तरीके से खारिज करता हूं.'' दरअसल, दिल्ली सरकार ने राजद्रोह के एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और दो अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी.

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पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने नौ फरवरी, 2016 को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान जुलूस निकाला था और वहां कथित रूप से लगाये गये देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था.

एक दिन पहले केजरीवाल सरकार ने कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी. 19 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट में 2016 जेएनयू देशद्रोह मामले की सुनवाई हुई थी. दिल्ली की एक कोर्ट ने पुलिस से इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था. देशद्रोह मामले में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी अभी तक नहीं मिलने पर दिल्ली सरकार को रिमाइंडर भेजने के लिए भी कहा था. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने कन्हैया कुमार समेत नारों में शामिल लोगों पर केस चलाने की मंजूरी दी है.

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कन्हैया, उमर खालिद आदि के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार से जरूरी मंजूरी नहीं मिली थी, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कहा था कि वो केजरीवाल सरकार को रिमाइंडर भेजे. इसके अलावा कोर्ट ने पब्लिक प्रोसिक्यूटर से भी एक माह में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा था.

गौरतलब है कि JNU में 9 फरवरी 2016 को कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की थी और उसी आधार पर पिछले साल अदालत में चार्जशीट दायर की गई थी, जिसमें कन्हैया कुमार समेत अन्य आरोपियों पर देशद्रोह की धारा लगाई गई थी.