सीलिंग के विरोध में आज दिल्ली बंद, आम आदमी पार्टी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
केजरीवाल ने दिल्ली बीजेपी के प्रेसिडेंट मनोज तिवारी और कांग्रेस प्रेसिडेंट अजय माकन को पत्र लिखकर बैठक में शामिल होने के लिए कहा है।
नई दिल्ली:
दिल्ली में सीलिंग को लेकर जारी बयानबाजी के बीच मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की दिशा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
केजरीवाल ने दिल्ली बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के प्रेसिडेंट मनोज तिवारी और कांग्रेस प्रेसिडेंट अजय माकन को पत्र लिखकर बैठक में शामिल होने के लिए कहा है।
केजरीवाल ने कुछ दिनों पहले ही बीजेपी और कांग्रेस के दिल्ली प्रेसिडेंट को पत्र लिखकर उन्हें अपने आधिकारिक निवास पर होने वाली सर्वदलीय बैठक में आने का न्योता दिया था।
दोनों नेताओं को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा है, 'सीलिंग के कारण दिल्ली में भायवह स्थिति बनी हुई है और दिल्ली के लोगों के हित में यह बहुत जरूरी है कि सभी लोग राजनित से ऊपर उठकर इसका हल निकालने की कोशिश करें।'
मुख्यमंत्री ने इस सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से तीन से अधिक व्यक्तियों को नहीं आने की अपील की है ताकि बैठक में मुद्दे का सार्थक समाधान निकालने की कोशिश की जा सके।
केजरीवाल ने अपने आधिकारिक निवास पर मंगलवार को दोपहर 12 बजे यह बैठक बुलाई है।
बता दें कि सीलिंग के विरोध में दिल्ली में व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने मंगलवार को बंद बुलाया है। बंद के मद्देनजर दिल्ली के ज्यादातर बाज़ार बंद रहने की आशंका है।
गौरतलब है कि दिल्ली में सीलिंग को लेकर आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौरा जारी है।
आप जहां इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार से अध्यादेश लाए जाने की मांग कर रही है वहीं बीजेपी का कहना है कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समाधान का रुख करेंगे।
वहीं व्यापारियों ने इसके खिलाफ 13 मार्च को दिल्ली बंद का आह्वान किया है। व्यापारियों की मांग है कि सीलिंग से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार संसद में बिल लाए तो वहीं दिल्ली सरकार भी विधानसभा सत्र बुलाकर बिल पास कर उसे केंद्र सरकार को भेजे।
गौरतलब है कि दिल्ली में किसी तरह के निर्माण कार्यों के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से इजाजत लेनी पड़ती है।
लेकिन राजधानी में अवैध निर्माण की शिकायतों के बाद हाई कोर्ट ने 2005 में कार्रवाई का आदेश दिया था। लेकिन मामले में अपेक्षित कार्रवाई नहीं होने के बाद यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में चला गया।
2006 में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हीं अवैध निर्माण की सीलिंग के आदेश दिए। बाद में सरकार ने दुकानों और कमर्शियल प्रॉपर्टीज को सीलिंग से बचाने के लिए कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया।
लेकिन कई कारोबारियों ने ऐसा नहीं किया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों और प्रापर्टी को सील करने का आदेश दिया। कोर्ट की तरफ से बनाई गई एक निगरानी कमेटी में कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि अगर इस मामले का समाधान नहीं निकाला जाता है तो वह भूख हड़ताल करेंगे।
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