अरुणाचल प्रदेश में स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (पीआरसी) मामले को लेकर रविवार को हुई हिंसा पर राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि इन घटनाओं के पीछे किसी का हाथ है, मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखें. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांगें सरकार ने 22 फरवरी को ही मान ली थी और मैं अरुणाचल प्रदेश के लोगों को आश्वासन देना चाहता हूं कि भविष्य में सरकार इस मामले को नहीं लाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, '22 फरवरी की रात को, मैंने मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये साफ कर दिया था कि सरकार इस (पीआरसी) पर कोई चर्चा नहीं करेगी. आज भी मुख्य सचिव के द्वारा आदेश जारी किया गया कि हम पीआरसी मामले को नहीं ला रहे.'
उन्होंने कहा, 'मैं अरुणाचल प्रदेश के लोगों को आश्वासन देता हूं कि सरकार भविष्य में भी इस मामले को नहीं लाएगी. यह एक साफ संदेश है.'
खांडू ने कहा, 'मैं प्रदर्शन कर रहे लोगों से अपील करना चाहता हूं कि उनकी मांग पहली ही 22 फरवरी को स्वीकार कर ली गई थी. पीआरसी का मुद्दा बंद हो गया है. मैं उनसे अनुरोध करता हूं धरना व प्रदर्शन न करें और सरकार के साथ सहयोग करें.'
उन्होंने कहा, 'मैंने दिशानिर्देश दिए हैं कि एक विस्तृत जांच जरूरी है. हिंसा की घटनाओं के बावजूद पीआरसी पर सरकार का रुख साफ है. मैंने एक आयुक्त स्तर की जांच संमिति गठित की है. लोगों के सामने सच का आना जरूरी है.'
रविवार के हिंसक प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि हिंसा की घटनाओं के पीछे किसी की साजिश है. अरुणाचल प्रदेश एक शांत राज्य है. गौरतलब है कि रविवार को प्रदर्शन के दौरान भीड़ को नियंत्रण करने के लिए चली पुलिस की गोली में 2 लोगों की मौत हुई थी.
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ईटानगर में भीड़ ने उप-मुख्यमंत्री चोवना मेन के घर को आग लगा दी. कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया और ईटानगर न नाहरलागुन में दो पुलिस थानों को फूंक दिया. लोगों ने मुख्यमंत्री खांडू के आवास की ओर भी प्रदर्शन करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने इसे रोक लिया.
बता दें कि राज्य सरकार द्वारा गठित संयुक्त उच्चाधिकार समिति (जेएचपीसी) की सिफारिशों पर राज्य के नामसाई और चांगलांग में रह रहे 6 समुदायों को पीआरसी दिया जाना है जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.
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पीआरसी की मंजूरी मिलने के बाद इन समुदायों को भी विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. इसके खिलाफ करीब 18 छात्र और सिविल सोसायटी संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. वे गैर अरुणाचली को पीआरसी देने के खिलाफ हैं.
Source : News Nation Bureau