केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आतंकी संगठन आईएस के बहाने उग्र वामपंथ पर निशाना साधा है।
शनिवार को एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में आईएस जैसी विचारधारा प्रभावी नहीं है लेकिन कुछ उग्र वामपंथी विचारधारा में यह घुल-मिल रही है।
वित्त मंत्री ने आगाह करते हुए कहा कि कि कश्मीर घाटी में 'वहाबी विचारधारा' तेजी से सूफीवाद की जगह ले रहा है।
जेटली ने कहा, 'राजनीतिक स्वायत्तता की मांग एक इस्लामिक आंदोलन को जन्म दे रही है और आप इसे पूरे भारत में देख सकते हैं। मैं मानता हूं कि भारत इस मामले में भाग्यशाली है कि अन्य देशों के मुकाबले यहां पर आईएस जैसे तत्व प्रभावी नहीं है। हालांकि कुछ जगहों पर इनकी विचारधारा उग्र वामपंथ की वैचारिकी में घुलती-मिलती दिख रही है।'
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उन्होंने कहा, 'जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुआ हालिया मामला इसका सबूत है।'
साम्यवाद का पश्चिम बंगाल और केरल में गहरा प्रभाव रहा है लेकिन इन राज्यों में अब वामपंथ का असर कम होता दिख रहा है।
जेटली ने कहा, 'ऐसी विचारधारा आम आदमी की समस्याओं को उठाने की थी जो बाद में बदल गई। पारंपरिक तौर पर लेफ्ट और राइट खत्म हो रहे हैं। सोवियत संघ के विघटन और चीन द्वारा राज्य नियंत्रित अर्थव्यवस्था के खात्मे के बाद अब इनका चुनावी महत्व भी खत्म होता जा रहा है। पश्चिम बंगाल और केरल से भी यह वैचारिकी साफ हो रही है और बीजेपी के लिए समर्थन बढ़ रहा है।'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पहले केंद्र में थी लेकिन अब वह ऐसी भूमिका में नहीं है क्योंकि यह जगह बीजेपी ने ले ली है।
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HIGHLIGHTS
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में उग्र वामपंथ में घुल मिल रही है IS की विचारधारा
- अरुण जेटली ने कहा कश्मीर में सूफीवाद की जगह वहाबीवाद लेता जा रहा है
Source : News Nation Bureau