logo-image

मानहानि मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने अरुण जेटली से जिरह के दिए निर्देश

न्यायमूर्ति मनमोहन ने सयुंक्त रजिस्ट्रार के आदेश को रद्द करते हुए मामले को दूसरी एकल सदस्यीय पीठ को स्थानांतरित कर दिया, जो इस मामले पर 12 फरवरी को सुनवाई करेगी।

Updated on: 10 Feb 2018, 12:20 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली से जिरह के मुद्दे पर न्यायालय के संयुक्त रजिस्ट्रार के आदेश को रद्द कर दिया।

रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेटली से जिरह समाप्त करने के लिए कहा था। जेटली ने आप (आम आदमी पार्टी) के छह नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

न्यायमूर्ति मनमोहन ने सयुंक्त रजिस्ट्रार के आदेश को रद्द करते हुए मामले को दूसरी एकल सदस्यीय पीठ को स्थानांतरित कर दिया, जो इस मामले पर 12 फरवरी को सुनवाई करेगी।

संयुक्त रजिस्ट्रार ने दो फरवरी को केजरीवाल को जिरह पूरा करने का आदेश दिया था। रजिस्ट्रार ने कहा था कि जेटली 250 सवालों का सामना कर चुके हैं, जिनमें से कुछ सवाल दोहराए जा चुके हैं और मुख्यमंत्री उन्हें आठ अलग-अलग तारीखों पर बुला चुके हैं। 

और पढ़ें- राहुल गांधी पर अमित शाह का वार, कहा- उनका राजनीतिक स्टाइल अलोकतांत्रिक

उल्लेखनीय है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के मानहानि मामले में केजरीवाल जेटली से जिरह कर रहे हैं। 

साल 2015 के दिसंबर में जेटली ने केजरीवाल और आप नेताओं -कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक वाजपेयी- के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था और कहा था डीडीसीए मामले में वे 'झूठे और अपमानजनक' आरोप लगा रहे हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है। 

जेटली ने इस मामले में 10 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी है। जेटली 13 सालों तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे हैं।

और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर अल्पसंख्यक आयोग पर केंद्र और राज्य में ठनी