रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा सश बलों में सुधारों को दी गई मंजूरी का चीन के साथ हुए डोकलाम विवाद का कोई संबंध नहीं है।
जेटली ने यहां कहा, 'डोकलाम विवाद से काफी पहले सश बलों में सुधारों को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल डी. बी. शेकातकर (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी और इस समिति की सिफारिशों पर लंबे समय से विचार-विमर्श चल रहा था।'
सरकार ने सीमा पर सीधा मोर्चा लेने वाले सैनिकों और उन्हें लॉजिस्टिक्स सहित अन्य आपूर्ति एवं मदद मुहैया कराने वाले सैनिकों के बीच के अनुपात में सुधार या वृद्धि करने के उद्देश्य से यह समिति गठित की थी।
जेटली ने कहा, 'शेकातकर समिति ने दिसंबर, 2016 को रक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। तब से हमने इस समिति की 99 में से 65 सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं।'
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जेटली ने हालांकि डोकलाम विवाद से पड़े प्रभाव पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि विदेश मंत्रालय इस मुद्दे पर पहले ही प्रतिक्रिया दे चुका है।
जेटली ने कहा, 'इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा। विदेश मंत्रालय पहले ही इस पर विस्तार से प्रतिक्रिया दे चुका है और वही सरकार का आधिकारिक पक्ष है।'
विदेश मंत्रालय ने 28 अगस्त को एक बयान जारी कर कहा था, 'बीते कई सप्ताह से भारत और चीन के बीच डोकलाम मुद्दे पर कूटनीतिक संपर्क कायम रखा। कूटनीतिक बातचीत के दौरान हम अपना विचार रखने और अपनी चिंता एवं हितों को बताने में सफल रहे।'
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Source : IANS