नोटबंदी को देश के इतिहास का सबसे 'बड़ा बदलाव' बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र सरकार के इस फैसले का बचाव करने के साथ ही कांग्रेस पर पलटवार किया।
नोटबंदी के फैसले का बचाव करते हुए जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मौजूद 'यथा स्थिति' को तोड़ना जरूरी हो गया था।
उन्होंने कहा कि इकॉनमी में नकदी की मात्रा के कम होने का मतलब भ्रष्टाचार में कमी होना नहीं है बल्कि इससे लोगों के लिए कर की चोरी करना मुश्किल हो गया है।
मनमोहन सिंह के नोटबंदी को 'संगठित लूट' बताए जाने की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, 'संगठित लूट 2जी, कॉमनवेल्थ और कोल ब्लॉक आवंटन के दौरान हुआ।'
उन्होंने कहा, 'डॉ सिंह को जो करना है, वह यह कि उन्हें 2014 के पहले औऱ बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की वैश्विक विश्वसनीयता की तुलना करनी है।'
नोटबंदी को नैतिक और उचित बताते हुए जेटली ने कहा, 'कांग्रेस की मंशा केवल एक परिवार की सेवा करने की है जबकि बीजेपी की मंशा लोगों की सेवा करनी है।'
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यूपीए के शासनकाल के दौरान 'पॉलिसी पैरालिसिस' की स्थिति थी, जबकि एनडीए की सरकार ने संरचनागत सुधारों को आगे बढ़ाया।
नोटबंदी के प्रभाव पर बोलते हुए जेटली ने दावा किया कि इससे टेरर फंडिंग में कमी आई है और शेल कंपनियों की पहचान आसान हुई है। उन्होंने कहा कि टैक्स अधिकारियों ने 18 लाख जमा रकम की पहचान की है।
इससे पहले फेसबुक पर लिखे अपने पोस्ट में जेटली ने कहा था नोटबंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था पहले के मुकाबले साफ, पारदर्शी और ईमानदार हुई है।
गौरतलब है कि विपक्षी दल नोटबंदी के एक साल पूरे होने के मौके पर इसे 'काला दिवस' के तौर पर मनाने की तैयारी कर रहा है। इसी सिलसिले में कांग्रेस ने आज गुजरात में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उतारा।
मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी के फैसले को देश की जनता पर जबरन थोपा गया था। यह एक 'संगठित लूट' थी।
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HIGHLIGHTS
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र सरकार के इस फैसले का बचाव करने के साथ ही कांग्रेस पर पलटवार किया
- नोटबंदी के फैसले का बचाव करते हुए जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मौजूद 'यथा स्थिति' को तोड़ना जरूरी हो गया था
Source : News Nation Bureau