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विश्व विद्यालय परिसर में हाल ही में हुई हहिंसा के लिये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 'उपद्रवकारी गठजोड़' को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि कुछ संस्थानों में अलगाववादी और वाम चरमपंथी एक तरह भाषा बोल रहे हैं।
लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स (एलएसई) के दक्षिण एशियाई केंद्र के छात्रों से बातचीत में पूछे गए सवालों के जवाब में वित्त मंत्री जेटली ने यह टिप्पणी की। छात्रों ने उनसे 'राष्ट्र विरोधी' शब्द के वर्गीकरण और दिल्ली विश्वविद्याल के रामजस कॉलेज में आइसा और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प पर भी सवाल किया।
जेटली ने कल कहा, ‘देश के टुकड़ करने वाली सोच से मुझे नफरत है। देश की संप्रभुता को बरकरार रखने की जो रूपरेखा है उसमें हम वैचारिक तौर पर मतभेद रख सकते हैं, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी आपको इस बात की इजाजत नहीं देती कि आप देश की संप्रभुता पर हमला करें।’
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उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी परिसरों में ‘हिंसा के लिए कोई जगह’ नहीं होनी चाहिये। जेटली ने कहा, ‘निजी तौर पर मेरा मानना है कि भारत और किसी भी समाज में अभिव्यक्ति की आजादी पर बहस होनी चाहिए। अगर आप को लगता है कि आपको देश की संप्रभुता पर हमला करने का हक है तो इसका जवाब पाने के लिये अभिव्यक्ति की आजादी पर भरोसा रखिये।’
हाल ही में रामजस कॉलेज में आइसा और आबीवीपा के छात्रों के बीच हहिंसक झड़प हुई थी जिसमें कई छात्र घायल हो गए थे।
जेएनयू के छात्र उमर खालिद और शेहला रशीद को रामजस कॉलेज में 'कल्चर ऑफ प्रोटेस्ट' पर एक स्पीच के लिये बुलाया गया था जिसके विरोध में ये झड़प हुई।
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Source : News Nation Bureau