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आर्टिकल 370 ने इन अधिकारों से जम्मू-कश्मीर को रखा दूर, पीएम मोदी ने गिनाईं ये खामियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में साफ किया कि आर्टिकल 370 ने कई अधिकारों से जम्मू-कश्मीर को दूर रखा था.

Updated on: 08 Aug 2019, 11:50 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में साफ किया कि आर्टिकल 370 ने कई अधिकारों से जम्मू-कश्मीर को दूर रखा था. उन्होंने कहा, जो कानून देश की आबादी के लिए बनता था. उसके लाभ से जम्मू-कश्मीर के एक करोड़ से ज्यादा लोग वंचित रह जाते थे. उन्होंने आगे कहा, कानून तो देश के लोगों का भला करता है. संसद में इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए जाते थे, लेकिन वह देश के एक हिस्से में लागू नहीं होता था.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, देश के अन्य राज्यों को शिक्षा का अधिकार है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के बच्चे वंचित थे. बाकी राज्यों में बेटियों को जो हक मिलते हैं, वह जेएंडके की बेटियों को नहीं मिलते थे. सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोग इससे वंचित थे. दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून भी जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता था.

पीएम मोदी ने आगे कहा, अल्पसंख्यकों की हितों की रक्षा के लिए मायनोरिटी कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं है. मजदूरों श्रमिकों के हितों की रक्षा के न्यूनतम वेतन एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के श्रमिकों के लिए कागज पर लटका मिलता था. चुनाव लड़ते समय एसएसटी अनुसूचित जनजाति को आरक्षण का लाभ मिलता था, लेकिन वहां ऐसा नहीं था.

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा, आर्टिकल 370 और अनुच्छेद 35 ए बीते हुए इतिहास की बात हो जाने के बाद उसके नकारात्मक प्रभाव से भी जम्मू-कस्मीर जल्द बाहर निकलेगा. मुझे विश्वास है. नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की प्राथमिकता रहेगी. राज्य के कर्मचारियों में पुलिस भी शामिल है. दूसरे केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों की सुविधाएं मिलीं.
अभी केंद्र शासित प्रदेश के एलसी, हाउसस्कीम, हेल्त एलाउंस जिनमें से अधिकांश कर्मचारियों पुलिस कर्मियों को मिलेंगी.