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Article 370 and Article 35A: अब ऐसा होगा नया कश्‍मीर, देखें क्‍या-क्‍या बदल गया

संविधान की धारा 370 (Article 370) और अनुच्‍छेद 35A (Article 35A) से अब कश्‍मीर आजाद हो चुका है. इसी धारा की वजह से धरती के इस स्‍वर्ग में विपरित धारा बह रही थी.

Updated on: 06 Aug 2019, 05:39 PM

नई दिल्‍ली:

संविधान की धारा 370 (Article 370) और अनुच्‍छेद 35A (Article 35A) से अब कश्‍मीर आजाद हो चुका है. इसी धारा की वजह से धरती के इस स्‍वर्ग में विपरित धारा बह रही थी. अनुच्‍छेद 35A (Article 35A) ने नागरिक अधिकारों में इतने छेद कर चुका था कि यह स्‍वर्ग दिन ब दिन नरक बनता जा रहा था. घाटी में इस धारा और अनुच्‍छेद 35A की आड़ में आजादी के बाद से ही भारत विरोधी आग धधकाई जा रही थी, इस वजह से इस राज्‍य का अपेक्षित विकास नहीं हो पा रहा था. विशेष राज्‍य का दर्जा पाने वाले इस राज्‍य को जो भी पैकेज मिलते थे उसे चंद लोग ही डकार लेते थे. अब जब मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए Article 370 और अनुच्‍छेद 35A (Article 35A) को खत्‍म कर दिया है तो जानिए इसके बाद अब कैसा होगा 'नया कश्‍मीर'..

तबः Article 370 और 35A (Article 35A) के तहत जम्‍मू और कश्‍मीर को विशेष राज्‍य का दर्जा मिला हुआ था. इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती थी. 

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अबः जम्‍मू और कश्‍मीर सच्‍चे अर्थों में भारत का अंग बन गया है. अब यहां केवल एक नागरिकता होगी और वो होगी भारतीय. जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों की दोहरी नागरिकता समाप्त हो जाएगी. इससे राज्‍य या यूं कहें केंद्र शाषित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में अलगाववाद खत्‍म होगा.

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तबः Article 370 के तहत भारत की संसद जम्मू-कश्मीर के सम्बन्ध में अत्यन्त सीमित क्षेत्र में कानून बना सकती थी. यही नहीं जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग था. वहां के नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना अनिवार्य नहीं था.

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अबः कश्मीर का अब अलग झंडा नहीं होगा. मतलब वहां भी अब तिरंगा शान से लहराएगा. अब श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहरेगा. अब राष्‍ट्रीय ध्‍वज का सम्‍मान करना पड़ेगा. अनुच्छेद-370 के साथ ही जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान भी इतिहास बन गया है. अब वहां भी भारत का संविधान लागू होगा.

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तबः अनुच्छेद-370 और 35 ए के तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार था. यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे.

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अबः इस अनुच्छेद के हटने से देश का कोई नागरिक राज्य में ज़मीन खरीद पाएगा, सरकारी नौकरी कर पाएगा, उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला ले पाएगा. इससे राज्‍य में निवेश बढ़ेंगे. नई कंपनियां आएंगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

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तबः 35 ए के तहत जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाती थी. इसके विपरीत अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी.

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अबः महिला अधिकारों के साथ भेदभाव करने वाला यह कानून अब पूरी तरह समाप्‍त हो गया है. जम्मू-कश्मीर की लड़कियों को अब दूसरे राज्य के लोगों से भी शादी करने की स्वतंत्रता होगी. दूसरे राज्य के पुरुष से शादी करने पर उनकी नागरिकता खत्म नहीं होगी. यह जम्‍मू-कश्‍मीर की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा तोहफा है.

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तब : धारा 370 (Article 370) की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते थे. कश्मीर में महिलाओं पर शरियत कानून लागू था. कश्मीर में पंचायत को अधिकार प्राप्त नहीं था. धारा 370 (Article 370) की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती थी.

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अबः अब अन्‍य राज्‍यों की तरह यहां भी आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू होंगे. कश्‍मीर में रहने वाले किसी भी पाकिस्‍तानी को अब नागरिकता नहीं मिल पाएगी. इससे आंतकवाद को प्रश्रय नहीं मिल पाएगा.

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जम्मू-कश्मीर के दो टुकड़े कर दिए गए हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब अलग-अलग राज्य होंगे. दोनों नए राज्य जम्मू-कश्मीर व लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश होंगे.  जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी. मतलब जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार बनेगी, लेकिन लद्दाख की कोई स्थानीय सरकार नहीं होगी.