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Article 370 Scrapped: जम्मू कश्मीर में हुआ नया सवेरा, 10 points में जानिए क्या कुछ बदल गया

जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित क्षेत्र होगा. राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के विभाजन का यह बिल 125 बनाम 61 के मुकाबले पास हो गया है.

Updated on: 06 Aug 2019, 10:02 AM

highlights

  • J&K में 370 हटने के बाद बदली तस्वीर.
  • J&K में लागू होंगे कई नियम कानून जो पहले लागू नहीं किए जा सकते थे. 
  • रणबीर दंड संहिता की जगह अब प्रभावी होगा भारतीय दंड संहिता. 

नई दिल्ली:

Change in Jammu Kashmir After Article 370 and 35A Scrapped: मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) को खत्म कर दिया है. सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) एवं लद्दाख (Ladakh) के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया.
जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित क्षेत्र होगा. राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के विभाजन का यह बिल 125 बनाम 61 के मुकाबले पास हो गया है.
आइये जानते हैं कि इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जम्मू कश्मीर में क्या बदल जाएगा.

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1-नागरिकता- पहले जम्मू कश्मीर में दोहरी नगरिकता का प्रावधान था, साथ ही यहां का एक अलग संविधान और ध्वज भी था. इस फैसले के बाद दोगरी नागरिकता, अलग संविधान और अलग से राष्ट्रीय ध्वज का प्रावधान खत्म हो जाएगा. अब भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे और भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान को अपराध की श्रेणी में गिना जाएगा.
2-जमीन खरीदने का अधिकार- पहले राज्य के बाहर के लोग यहां पर जमीन खरीद कर बस नहीं सकते थे लेकिन अब आर्टिकल 370 के हटने के बाद भारत का कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद कर बस पाएगा.
3- नौकरी- पहले राज्य सरकार की नौकरी पर केवल जम्मू कश्मीर के ही बाशिंदों को मिल पाती थी लेकिन 370 हटने के बाद भारत का कोई भी नागरिक जम्मू कश्मीर में नौकरी पा सकेगा.

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4-विधानसभा- पहले जम्मू कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का होता था. भारत की संसद जम्मू कश्मीर को लेकर सीमित दायरे में ही कानून बना सकती थी. लेकिन फैसले के बाद दिल्ली की तरह ही केंद्र शासित प्रदेश बन गया जिसकी विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होगा. जबकि लद्दाख पूर्ण रुप से केंद्रशासित प्रदेश होगा.
5-राज्य सरकार से अनुमति- पहले रक्षा, विदेश और संचार के अलावा किसी भी कानून को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को पहले राज्य सरकार से अनूमति लेनी पड़ती थी. इस फैसले के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख में उप राज्यपाल का पद होगा और राज्य में किसी भी कानून को लागू करने के लिए केंद्र को किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
6- पुलिस- पहले जम्मू कश्मीर की अपनी राज्य की पुलिस होती थी लेकिन अब इस फैसले के बाद जम्मू कश्मीर की पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत कार्य करेगी.
7- महिलाओं से जुडा़ कानून- जम्मू कश्मीर की कोई भी महिला यदि किसी बाहर के राज्य के नागरिक से शादी कर लेती थी तो उसकी जम्मू कश्मीर की नागरिकता खत्म हो जाती थी लेकिन फैसले के बाद ऐसा नहीं होगा क्योंकि पूरे जम्मू कश्मीर को ही भारत की एकल नागरिकता प्राप्त होगी.

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8- आरक्षण और राष्ट्रपति शासन- जम्मू कश्मीर में पहले राज्यपाल शासन लगाया जाता था और कश्मीर में अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता था लेकिन अब इस फैसले के लागू हो जाने के बाद जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकेगा और अल्पसंख्यकों को 16 फीसदी आरक्षण का लाभ भी मिल सकेगा.
9-सूचना का अधिकार- पहले वहां सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और सीएजी लागू नहीं होता था. यहां रणबीर दंड संहिता लागू थी. लेकिन फैसले के बाद राज्य में सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, जैसे कई नियम लागू हो जाएंगे. साथ ही रणबीर दंड संहिता की जगह भारतीय दंड संहिता प्रभावी होगी.

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10-सुप्रीम कोर्ट का निर्णय- पहले राज्य में सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य नहीं होता था लेकिन अब धारा 370 खत्म होने के बाद यहां सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य होगा.