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चीन को लेकर सेना प्रमुख ने दिया बड़ा बयान, चीन नहीं चाहता है कि सीमा पर हो ये काम

नए सेना प्रमुख जनरल पांडे ने सोमवार को भारत-चीन मुद्दे पर मीडिया से बात की.  इस मौके पर उन्हेंने कहा कि इसवक्त मूल मुद्दा सीमा विवनाद का समाधान निकालना है.

Updated on: 09 May 2022, 10:15 PM

highlights

  • किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल उपलब्ध 
  • भारत बातचीत से सुलझाना चाहता है सभी सीमा विवाद
  • चीन सीमा विवाद को सुझान में नहीं ले रहा रुचि

नई दिल्ली:

नए सेना प्रमुख जनरल पांडे (General Manoj Pandey) ने सोमवार को भारत-चीन मुद्दे पर मीडिया से बात की.  इस मौके पर उन्हेंने कहा कि इस वक्त मूल मुद्दा सीमा विवनाद का समाधान निकालना है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर निराशा जताई कि चीन भारत (Indo-china Boarder Conflict) की तरह सीमा विवाद को खत्म नहीं करना चाहता है. उन्हेंने कहा कि चीन की मंशा सीमा मुद्दे को जीवित रखने की रही है. एक देश के रूप में हमें संपूर्ण राष्ट्रीय ष्टिकोण की आवश्यकता है. उन्होंने रहा कि एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए हम दृढ संकल्पित हैं. 

2020 से पहले स्थिति बहाल करना पहली प्रथामिकता
सेना प्रमुख ने कहा कि उनका उद्देश्य और इरादा 2020 से पहले वाली यथास्थिति स्थापित करना है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह एकतरफा मामला नहीं हो सकता और इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति से निपटने के लिए पुनसंर्तुलन और पुनर्रचना का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा कि सीमा विवाद के बाद से सुरक्षा बल पुनर्मूल्यांकन कर रहा है और एलएसी के साथ एक मजबूत स्थिति बनाने के लिए कुछ कार्रवाई कर रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल उपलब्ध हैं.

बातचीत से विवाद का हल तलाशने कोशिश जारी
सेना प्रमुख ने जोर देते हुए कहा कि एलएसी पर सेना का फोकस इंटेलिजेंस सर्विलांस एंड रिकोनिसेंस (आईएसआर) को अपग्रेड करना और ऑपरेशन और लॉजिस्टिक्स को सपोर्ट करने के लिए हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना है. उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करना संपूर्ण उत्तरी सीमा पर क्षमता विकास की चल रही प्रक्रिया का हिस्सा है. चीन के साथ सीमा विवाद को हल करने के लिए सेना प्रमुख ने कहा कि भारत राजनयिक और सैन्य वार्ता में शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप अब तक पैंगोंग सो, गोगरा और पीपी 14 (गलवान घाटी) के उत्तर और दक्षिण में सैनिकों के पीछे हटने का काम हुआ है. सेना प्रमुख ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे और बातचीत (सैन्य और राजनयिक) के माध्यम से एक समाधान निकालेंगे.

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सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद का समाधान खोजने की कोशिश नहीं कर रहा है. उसकी मंशा इस विवाद को जिंदा रखने की रही है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय सैनिक एलएसी पर महत्वपूर्ण स्थानों पर बने हुए हैं. मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान, जनरल पांडे ने कहा, उनके (एलएसी पर तैनात सैनिकों) लिए हमारा मार्गदर्शन ²ढ़ है और यथास्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास को रोकना है.