आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे बोले, सेना किसी जवान से धर्म, जाति, वर्ण और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती

थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने गुरुवार को कहा कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है.

थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने गुरुवार को कहा कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है.

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Deepak Pandey
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Manoj Mukund Narwane

थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे( Photo Credit : फाइल फोटो)

थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने गुरुवार को कहा कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है और बल किसी भी सैनिक के साथ कोई भेदभाव नहीं करता. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया था कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन तथा कमांड में नियुक्ति दी जाए.

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जनरल नरवणे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने एक रोडमैप बनाया है. हम सभी महिला अधिकारियों को पत्र लिखकर पूछेंगे कि क्या वे स्थायी कमीशन लेना पसंद करेंगी." उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सेना किसी जवान से धर्म, जाति, वर्ण और यहां तक कि लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती. भारतीय सेना का नजरिया हमेशा से ऐसा ही रहा है और इसलिए हमने 1993 में ही महिला अधिकारियों की भर्ती शुरू कर दी थी.’’ उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने हर स्तर पर महिलाओं की भर्ती के लिए पहल की है और सैन्य पुलिस केंद्र तथा स्कूल कोर में 100 महिला सैन्यकर्मियों के पहले बैच को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

सेना प्रमुख ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘शीर्ष अदालत का निर्णय स्वागतयोग्य है जो संस्था की बेहतर क्षमता के लिए अधिकारियों की भर्ती की दिशा में स्पष्टता प्रदान करता है. मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों समेत सभी को राष्ट्र के प्रति योगदान के साथ ही कॅरियर में तरक्की के लिए भी समान अवसर प्रदान किये जाएंगे.’’

जम्मू कश्मीर के संदर्भ में सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है और सेना आतंकी समूहों पर दबाव बनाकर रख रही है. उन्होंने वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के चल रहे पूर्ण सत्र के परोक्ष संदर्भ में कहा कि सीमापार आतंकवाद में कमी के मामले में एक बाहरी आयाम है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है और यहां तक कि चीन ने भी महसूस किया है कि वे अपने मित्र देश का हर समय समर्थन नहीं कर सकते.

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वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था एफएटीएफ के एक उप-समूह ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए आर्थिक मदद नहीं रोक पाने पर ‘ग्रे सूची’ में ही रखना चाहिए. कट्टरपंथी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की सेहत के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने केवल इतना कहा कि सुरक्षा बल किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रस्तावित थल सेना भवन सभी सेना मुख्यालयों को एक जगह पर लाएगा जिससे कार्य कुशलता बढ़ेगी वहीं कार्बन फुटप्रिंट और लॉजिस्टिक जरूरतें कम होंगी. 

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