सैनिकों पर CAG की रिपोर्ट पर बोले सेना प्रमुख- मामला पुराना है, सेना अब पूरी तरह तैयार है

सेनाध्यक्ष नरवणे ने कहा कि यह रिपोर्ट 2015-16 की है, जो पुरानी है. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि इन जगहों के लिए हमारी पूरी तैयारी है. सैनिकों की जो भी जरूरत हैं, हम उन्हें पूरा कर रहे हैं.

सेनाध्यक्ष नरवणे ने कहा कि यह रिपोर्ट 2015-16 की है, जो पुरानी है. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि इन जगहों के लिए हमारी पूरी तैयारी है. सैनिकों की जो भी जरूरत हैं, हम उन्हें पूरा कर रहे हैं.

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nitu pandey
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आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे( Photo Credit : ANI)

ऊंचे और ठंडे क्षेत्रों में तैनात सैनिकों पर भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सामने आने के बाद से बवाल मचा हुआ है. कैग की रिपोर्ट पर आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का बयान सामने आया है. सेनाध्यक्ष नरवणे ने कहा कि यह रिपोर्ट 2015-16 की है, जो पुरानी है. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि इन जगहों के लिए हमारी पूरी तैयारी है. सैनिकों की जो भी जरूरत हैं, हम उन्हें पूरा कर रहे हैं.

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रक्षा बजट को लेकर सेनाध्यक्ष नरवणे ने कहा, 'साल दर साल रक्षा बजट में लगभग 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस बजट का पूरा उपयोग किस तरह होगा, इसके बारे में अध्ययन करेंगे.

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस बात पर ध्यान देना जारी रखेंगे कि बजट में क्या आवंटन किए गए हैं. पिछले साल ही हमने 4-5 अलग-अलग तरह के हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों को शामिल किया था. आधुनिकीकरण कभी मुद्दा नहीं रहा.

सोमवार को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में CAG की रिपोर्ट पेश की गई. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि लेह, लद्दाख और सियाचिन जैसे बेहद ऊंचे और दुर्गम स्थानों में तैनात सैनिकों को कपड़े, जूते, स्लीपिंग बैग और सन ग्लासेज की गंभीर किल्लत का सामना करना पड़ा है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि  जवानों को चार सालों तक बर्फीले स्थानों पर पहने जाने वाले कपड़ों और दूसरे सामानों की तंगी झेलनी पड़ी है. खाने-पीने का सामान भी कम है. सैनिकों को 82 प्रतिशत तक कम कैलोरी मिली है. 

CAG CAG report Army chief Gen Naravane
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