आर्मी चीफ बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि परमाणु और रासायनिक हथियारों के आतंकियों के हाथों में जाने का खतरा बना हुआ है और यह मानवता के लिए त्रासदी साबित हो सकता है।
राष्ट्रपति भवन में जारी रायसीना डायलॉग में बोलते हुए रावत ने कहा, 'आतंकी जिस सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं वह बेहद आधुनिक तकनीक का है और वह सीमा पार कर रहा है।'
उन्होंने कहा, 'हमें आतंकियों और उन्हें मदद देने वालों को खत्म करना है। हमें उन देशों की पहचान करनी है जो आतंकियों को पालते-पोसते हैं।'
सेना प्रमुख ने कहा कि हमें इंटरनेट के साथ सोशल मीडिया पर भी कुछ हद तक लगाम लगाने की जरूरत है, जिसका इस्तेमाल आतंकी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन उन्हें इस बारे में यह फैसला लेना ही होगा कि क्या वह सुरक्षित माहौल चाहते हैं ताकि आतंकियों को काबू में किया जा सके।
कश्मीर के मसले पर बोलते हुए जनरल रावत ने कहा कि लोगों को इस बात का एहसास है कि जो वह चाहते हैं, उसे हासिल नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, 'कश्मीर के लोग आतंकवाद से थक चुके हैं। जो उन्हें चाहिए, वह इसके जरिए नहीं मिला। आप भारत से अलग नहीं हो सकते। लोगों को इस बात का एहसास हो चुका है। कुछ लोग चरमपंथ की तरफ गए हैं, लेकिन मुझे लगता है उनमें अधिकांश मुख्यधारा में जाना चाहते हैं।'
और पढ़ें: आतंकी हाफिज सईद के बचाव में आए पाकिस्तानी PM, कहा- 'साहब' के खिलाफ कोई केस नहीं
HIGHLIGHTS
- आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा कि परमाणु और रासायनिक हथियारों के आतंकियों के हाथों में जाने का खतरा बना हुआ है
- सेना प्रमुख ने कहा कि हमें इंटरनेट के साथ सोशल मीडिया पर भी कुछ हद तक लगाम लगाने की जरूरत है
Source : News Nation Bureau