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जम्मू-कश्मीर पर सरकार की पहल कारगर, घुसपैठ मामलों में आई कमी- बिपिन रावत

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि कश्मीर समस्या पर बात करने के लिए नियुक्त किए वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा की नियुक्ति का घाटी में चल रहे सैन्य ऑपरेशन्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

Updated on: 25 Oct 2017, 01:10 PM

नई दिल्ली:

सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि कश्मीर समस्या पर बात करने के लिए नियुक्त किए वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा की नियुक्ति का घाटी में चल रहे सैन्य ऑपरेशन्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि, 'उन्हें काम करने दें।' सेना प्रमुख ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के मामलों में कमी आई है और स्थिति बेहतर हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर समस्या से निपटने का सरकार का तरीका सरकार कारगर साबित हुआ है।

इसके अलावा उन्होंने कहा, 'पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं के विरोधियों पर नजर रखने के लिए अभी सेना की प्रमुख आवश्यकताएं खुफिया, निगरानी और पुनर्प्रेषण हैं।' सेना प्रमुख ने बताया, 'हम सीमाओं पर और दूरदराज के इलाकों पर नज़र रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (ईडब्ल्यू) प्रणाली पर भी विचार कर रहे हैं।'

साथ ही उन्होंने कहा, 'दूरदराज के इलाकों में प्रतिष्ठानों की सुरक्षा चिंता का कारण बन रही है। हम उरी जैसे हमलों की जांच रिपोर्ट्स की गहराई तक जांच कर रहे हैं।' 

गौरतलब है कि सोमवार 23 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर समस्या के समाधान की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने नए वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा को नियुक्त किया।

दिनेश्वर शर्मा की नियुक्ति करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को जम्मू-कश्मीर मामले में सभी समूहों से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है। 

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कश्मीर समस्या के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकलने के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा, 'ऐसा नहीं है। प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि कश्मीर की समस्या का समाधान न गोली और गाली से होगा, बल्कि कश्मीरियों को गले लगाने से होगा।'

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