logo-image

बिहार : आरा बम कांड का 4 साल बाद आया फैसला, सबूतों के अभाव में पूर्व विधायक सहित 3 लोग बरी

कोर्ट ने इस कांड में आरोपी रहे जदयू के पूर्व विधायक सुनील पांडे सहित तीन अन्य लोगों के खिलाफ साक्ष्य न होने के अभाव में बरी कर दिया है.

Updated on: 18 Aug 2019, 10:46 AM

नई दिल्ली:

बिहार के सिविल आरा कोर्ट के अंदर बम ब्लास्ट मामले में शनिवार को चार साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस कांड में आरोपी रहे जदयू के पूर्व विधायक सुनील पांडे सहित तीन अन्य लोगों के खिलाफ साक्ष्य न होने के अभाव में बरी कर दिया है. जबकि बम मैन के नाम से नामी लंबू शर्मा अपराधी चांद मियां, नईम मियां, प्रमोद सिंह समेत 8 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी माना है.

यह भी पढ़ें- कोर्ट में गवाही देने जा रहे युवक और महिला को सरेआम रेलवे स्टेशन पर मारी गोली

सुनील पांडेय ने कहा कि यह न्याय की जीत है

कोर्ट ने सभी 8 दोषियों की सजा पर सुनवाई की अगली तारीख 20 अगस्त को मुकर्रर की है. फैसले के चलते पुलिस प्रशासन ने कोर्ट कैंपस में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे थे. कोर्ट के बम कांड के फैसले के बाद पूर्व विधायक सुनील पांडेय ने पत्रकारों के सवाल पर कहा की यह न्याय की जीत है और हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा था. जिन लोगों ने राजनीतिक षडयंत्र के तहत मुझको फंसाने की कोशिश की थी आज वो चारों खाने चित्त हो गए हैं.

कोर्ट के अंदर बम लेकर पहुंची थी नगीना देवी 

वही कोर्ट ने 8 दोषियों में से एक चांद मियां जो कोर्ट में हाजिरी देकर फैसला सुनाने के समय कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ जिसके खिलाफ कोर्ट ने चांद मियां पर वारंट व कुर्की जप्ती का आदेश दिया है. बता दें कि 23 जनवरी 2015 को लंबू शर्मा कोर्ट पेशी के लिए आया हुआ था. जहां कोर्ट कैंपस से फरार होने के लिए दिनदहाड़े लंबू शर्मा के इशारे पर एक महिला नगीना देवी कोर्ट के अंदर बम लेकर पहुंची थी. जैसे ही कैदी वाहन रुका तेज धमाका हुआ और शर्मा सहित दो कैदी फरार हो गए थे.

उस दौरान महिला नगीना देवी के चिथड़े घटनास्थल पर ही उड़ गए थे. जबकी कैदी सुरक्षा में तैनात भोजपुर पुलिस का जवान अमीत कुमार बम ब्लास्ट में जख्मी हो गया था. जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में जदयू के पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार पांडे उर्फ सुनील पांडेय, लंबू शर्मा, चांद मियां, नईम मियां, प्रमोद सिंह श्याम और विनय शर्मा सहित 11 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र गठित किया गया था.