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चारधाम प्रोजेक्ट के लिए सड़कों को चौड़ा करने की मंजूरी, चीन पर भी नजर

12,000 करोड़ रुपये की रणनीतिक 900 किलोमीटर लंबी चारधाम परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार पवित्र धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है.

Updated on: 14 Dec 2021, 12:20 PM

highlights

  • सुरक्षा कारणों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी
  • हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है उद्देश्य
  • सड़कों को डबल लेन चौड़ा करने की अनुमति दी गई

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा कारणों को देखते हुए मंगलवार को चारधाम परियोजना के लिए सड़कों को डबल लेन चौड़ा करने की अनुमति दे दी है. यह अनुमति मिलने के बाद चारधाम परियोजना के तहत भारत की चीन तक पहुंच और आसान हो जाएगी और किसी भी मौसम में भारतीय सेना चीन से सटी सीमाओं पर पहुंच सकेगी. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने परियोजना पर सीधे रिपोर्ट करने के लिए पूर्व न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता में एक निरीक्षण समिति का गठन किया गया. निगरानी समिति को रक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार और सभी जिलाधिकारियों का पूरा सहयोग मिलेगा.

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12,000 करोड़ रुपये की रणनीतिक 900 किलोमीटर लंबी चारधाम परियोजना का उद्देश्य उत्तराखंड के चार पवित्र धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करना है. सुप्रीम कोर्ट 8 सितंबर, 2020 के आदेश में संशोधन की मांग करने वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) को महत्वाकांक्षी चारधाम राजमार्ग परियोजना पर 2018 के सर्कुलर निर्धारित कैरिजवे की चौड़ाई 5.5 मीटर का पालन करने के लिए कहा गया था, जो चीन के साथ सीमा तक जाता है. अपने आवेदन में MoD ने कहा था कि वह आदेश और निर्देशों में संशोधन चाहता है कि ऋषिकेश से माना तक, ऋषिकेश से गंगोत्री तक और टनकपुर से पिथौरागढ़ तक राष्ट्रीय राजमार्गों को टू-लेन  किया जा सकता है.