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ओला ड्राइवर में कोरोना वायरस पॉजिटिव, डिलिवरी बॉयज और कैब ड्राइवरों ने उठाई मांग

फेडरेशन द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, कैब ड्राइवर डर में हैं, जब से पुणे में एक ओला ड्राइवर में यह परीक्षण पॉजिटिव आया है. यह ड्राइवर 1 मार्च को एक दंपति को मुंबई एयरपोर्ट से पुणे लेकर आया था.

Updated on: 16 Mar 2020, 10:10 AM

नई दिल्ली:

भारत में बढ़ रहे कोरोनावायरस (CoronaVirus) के मामलों के बीच विभिन्न ऐप आधारित फूड डिलिवरी बॉयज और कैब ड्राइवरों ने अपने नियोक्ताओं और भारत सरकार से बेहतर सुविधाओं की मांग की है. इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति के जारी की, जिसमें कहा गया है, 'ओला और उबर के ड्राइवर और फूड डिलिवरी करने वालों के लिए कोविड-19 से सुरक्षा के लिए अब तक ना तो कोई स्वास्थ्य सलाह जारी की गई है ना आपातकालीन कदमों के बारे में बताया गया है, जबकि ये लोग अपनी सुरक्षा को जोखिम में डाल रहे हैं.'

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फेडरेशन द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, कैब ड्राइवर डर में हैं, जब से पुणे में एक ओला ड्राइवर में यह परीक्षण पॉजिटिव आया है. यह ड्राइवर 1 मार्च को एक दंपति को मुंबई एयरपोर्ट से पुणे लेकर आया था.

फेडरेशन ने ऐप आधारित कैब और फूड डिलिवरी कंपनियों की संगठित सामाजिक जवाबदेही पर सवाल उठाया है. फेडरेशन का कहना है कि ऐप आधारित कंपनियों में काम करने वाले ड्राइवर जीवनयापन करने के लिए सार्वजनिक तौर पर काम करते हैं, ऐसे में वे इस वायरस से संक्रमण को लेकर अधिक संवेदनशील हैं.

फेडरेशन ने एक कैब ड्राइवर के हवाले से कहा है, 'यह जानते हुए भी कि हैदराबाद में कोरोनावायरस फैला हुआ है मैं अभी भी हर दिन अपना टारगेट पूरा करने के लिए 250 किलोमीटर गाड़ी चला रहा हूं.'

फेडरेशन ने सलाह दी है कि 'ओला और उबर को एक ऐसी टास्क फोर्स बनाने की जरूरत है जो विभिन्न विभागों के विभिन्न सदस्यों की लगातार जांच करे और उनकी मदद करे. इसमें सातों दिन चौबीस घंटे यह सुविधा हो कि ड्राइवर और कस्टमर किसी को भी समस्या आने पर यह टीम उनके लिए उपलब्ध हो.'

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फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव शेख सलाउद्दीन ने कहा, 'वॉक इन सेंटर्स बनाने और ड्राइवरों के इन सेंटर तक पहुंचने की उम्मीद करने की बजाय अलग से कर्मचारियों की टीम बनाई जानी चाहिए जो ड्राइवर्स तक पहुंचे.' शेख ने राज्य और केंद्र सरकारों को लिखकर आग्रह किया है कि वे संबंधित अधिकारियों, एजेंसियों और मंत्रालयों से कहें कि वे इन मुद्दों को ध्यान में रखकर ऐप आधारित कंपनियों को ड्राइवरों और डिलिवरी बॉयज की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर राइड शेयरिंग कंपनियों उबर और लिफ्ट की तरह फेडरेशन ने यहां भी किसी ड्राइवर या डिलिवरी बॉय को कोविड-19 संक्रमण होने पर या 14 दिन के लिए अलग रहने की स्थिति में 14 दिन की पेड छुट्टियां दिए जाने की भी मांग की है.