आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर शुरू हुए सियासी गतिरोध के बाद राज्य की सत्ताधारी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्तीफा सौंप दिया है।
केंद्र की तरफ से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को नकारे जाने के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र की सरकार से अलग होने का फैसला लेते हुए पार्टी के दोनों मंत्रियों को इस्तीफा देने का आदेश दिया था।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नायडू से फोन पर बात की और इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें सरकार से अलग होने और मंत्रियों के इस्तीफा देने के कारणों के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद गठबंधन में टीडीपी के बने रहने के कयास लगाए जा रहे थे।
लेकिन तेजी से बदलते घटनाक्रम में पार्टी के दोनों मंत्रियों अशोक गजपति राजू और वाईएस चौधरी ने गुरुवार शाम 6 बजे प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान वाई एस चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पूरे गतिरोध के लिए जिम्मेदार नहीं बताया।
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमें इस मामले के लिए प्रधानमंत्री को दोष देना चाहिए। यह संबंधित मंत्रालय की जिम्मेदारी थी और इसमें पहले ही बहुत समय बीत चुका है।'
वहीं सरकार से अलग होने के बाद एनडीए में बने रहने के कयासों को दूर करते हुए चौधरी ने कहा, 'हम एनडीए में बने रहेंगे लेकिन हम कोई मंत्री पद नहीं लेंगे। मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई बुराई है।'
चौधरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने हमें काफी विनम्रता से बुलाया और कहा कि चाहे जो भी देरी हुई हो, हम इस दिशा में काम करेंगे। प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि, 'मैं आंध्र प्रदेश के साथ हूं और मैं राज्य के लोगों की सेवा करता रहूंगा।''
गौरतलब है कि केंद्र की सरकार से अलग होने के बाद टीडीपी के एनडी में बने रहने को लेकर आशंकाएं बनी हुई थी।
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HIGHLIGHTS
- आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने के बाद केंद्र सरकार से अलग हुई TDP
- हालांकि तेलुगू देशम पार्टी ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन में बने रहने का फैसला लिया है
Source : News Nation Bureau