अनुपम खेर ने FTII (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) के चेयरमैन पर से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उन्होंने इसके लिए निजी वजहों का हवाला दिया है. इस्तीफे में उन्होंने व्यस्त शेड्यूल से समय न मिलने की भी बात कही है. 2017 में सरकार ने अनुपम खेर को यह जिम्मेदारी सौंपी थी. अनुपम खेर बीजेपी के समर्थक माने जाते हैं और उनकी पत्नी किरण खेर चंडीगढ़ से बीजेपी के टिकट पर सांसद हैं. अनुपम खेर ने 30 अक्टूबर को अपना इस्तीफा सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भेजा था.
2017 में लंबे विवाद के बाद एफटीआईआई में नए चेयरमैन के रूप में अनुपम खेर की नियुक्ति हुई थी. इससे पहले चेयरमैन के गजेंद्र चौहान को लेकर काफी विवाद हुआ था. गजेंद्र चौहान को 2015 में एफटीआईआई का चेयरमैन बनाया गया था. कैंपस के छात्रों ने चौहान का काफी विरोध किया था. हालांकि केंद्र सरकार ने चौहान को हटाने से इन्कार कर दिया था.
बेटे @Sikandarkher के जन्मदिन के दिन ही दिया इस्तीफा
इस्तीफे के बारे में टि्वटर पर घोषणा करने से करीब साढ़े तीन घंटे पहले अनुपम खेर ने अपने बेटे सिकंदर खेर को जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं. शुभकामना संदेश में अनुपम ने लिखा, भगवान तुम्हें जीवन की सारी खुशियां प्रदान करें. तुम्हें एक छोटे से बच्चे से बड़े होते देखना मेरे लिए अद्भुत अनुभव है. तुम्हें ढेर सारा प्यार. भगवान तुम्हें स्वस्थ रखें और सफल बनाएं.
FTII चेयरमैन पद संभालना शानदार अनुभव वाला रहा
अनुपम खेर ने FTII के चेयरमैन पद से इस्तीफे की घोषण करते हुए कहा, यह मेरे लिए शानदार अनुभव रहा. चेयरमैन का पद संभालना बेहद प्रतिष्ठित बात है. वहां काफी कुछ सीखने को मिला. लेकिन कुछ अंतरराष्ट्रीय असाइनमेंट को लेकर मैं इस संस्थान को समय नहीं दे पा रहा हूं. इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं. अंत में उन्होंने ट्वीट कर FTII के स्टाफ, टीचर और छात्रों को उनके सपोर्ट के लिए शुक्रिया कहा.
अनुपम खेर के बारे में
• जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला में.
• नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग के गुर सीखे.
• 500 से भी ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके. अनुपम सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के चेयरमैन भी रह चुके हैं.
• अब तक 8 बार फिल्मफेयर पुरस्कार मिला है, जिसमें 5 बार उन्हें बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला है.
• राम लखन (1989), लम्हे (1991), खेल (1992), डर (1993) और दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे (1995) फिल्म के लिए मिले अवार्ड.
• फिल्म सारांश के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर. 1990 में उन्हें फिल्म डैडी के लिए बेस्ट एक्टर क्रिटिक का अवॉर्ड और साल 1988 में आई फिल्म विजय के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार
• 2004 में भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए पद्मश्री और 2016 में कला क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मभूषण से नवाजे गए.