पश्चिम बंगाल में पशु-तस्करी घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब देश की विभिन्न अदालतों में कई कानूनी लड़ाइयों के पीछे तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल के भारी खर्च को पूरा करने के लिए धन के स्रोत पर ध्यान देना शुरू कर दिया है।
सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को कानूनी खचरें को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धन की आपूर्ति के पीछे दो व्यक्तियों की संलिप्तता के बारे में कुछ सुराग मिले हैं।
उनमें से एक बीरभूम जिले के एक विशेष पुलिस स्टेशन का प्रभारी पुलिस अधिकारी है। दूसरा उसी जिले का एक प्रभावशाली व्यवसायी है, जो पत्थर-खदान और स्टोन-क्रशर संयंत्रों के कारोबार में शामिल है।
ईडी के एक सहयोगी ने कहा, हमारे अधिकारी कानूनी खचरें को पूरा करने के लिए धन के स्रोतों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही जांचकर्ता इस फंडिंग के पीछे की मंशा का भी पता लगाने और स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
केंद्रीय एजेंसी को संदेह है कि ये दो व्यक्ति इस धन के पीछे अकेले नहीं हैं। इसकी आपूर्ति में अन्य प्रभावशाली लोग शामिल हैं।
अनुब्रत मंडल को पिछले साल अगस्त में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से, वह कई अदालतों में अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं, इसमें आसनसोल में विशेष सीबीआई अदालत, दिल्ली में राउज एवेन्यू कोर्ट, कलकत्ता उच्च न्यायालय, दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट शामिल है।
केंद्रीय एजेंसी ने मंडल, उनकी बेटी और उनके स्वामित्व वाली कंपनियों के नाम पर लगभग सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है, ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि भारी कानूनी खचरें को पूरा करने के लिए फंड कहां से आ रहा है और कौन फंडिंग कर रहा है।
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Source : IANS