2 महीने में ही कम होने लगती हैं कोविशील्ड और कोवैक्सीन लेने वालों की एंटीबॉडीज- स्टडी

आईसीएमआर-रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (भुवनेश्वर) ने पाया है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगवाने वालों के अंदर दो-तीन महीनों बाद एंटीबॉडीज का स्तर कम होने लगता है.

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Kuldeep Singh
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2 महीने में ही कम होने लगती हैं वैक्सीन के बाद एंटीबॉडीज- स्टडी( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कोविड-19 की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा है. देश में अब तक 75 करोड़  से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं और साल के अंत तक युवाओं का वैक्सीनेशन पूरा हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है.  इसी बीच एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आईसीएमआर-रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (भुवनेश्वर) ने पाया है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगवाने वालों के अंदर दो-तीन महीनों बाद एंटीबॉडीज का स्तर कम होने लगता है. खबर इसलिए भी चौंकाने वाली है कि देश में इन्हीं दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जा रहा है. 

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इंडिया टुडे से बातचीत में ICMR-RMRC के वैज्ञानिक डॉक्टर देवदत्त भट्टाचार्य ने बताया कि स्टडी के लिए 614 प्रतिभागियों के नमूने इकट्ठे किए गए थे. इनमें से 308 प्रतिभागी यानि 50.2 फीसदी ने कोविशील्ड प्राप्त की थी. जबकि, 306 यानि 49.8 फीसदी प्रतिभागियों को कोवैक्सीन लगी थी. उन्होंने जानकारी दी कि इस दौरान वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण के कुल 81 मामले सामने आए. 

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डॉक्टर देवदत्त भट्टाचार्य के मुताबिक स्टडी में हमने पाया है कि जिन्होंने कोवैक्सीन की दोनों डोज ले रखी थीं, उनमें दो महीने के बाद एंटीबॉडीज कम होने लगीं. वहीं, कोविशील्ड लेने वाले लोगों के अंदर तीन महीनों के बाद एंटीबॉडीज घटने लगीं.'' आईसीएमआर और आरएमआरसी द्वारा की गई इस स्टडी के बारे में बताया गया कि हेल्थ केयर वर्कर्स को कोवैक्सीन या कोविशील्ड लगने के बाद उन्हें 24 हफ्तों तक फॉलो किया गया कि उनमें क्या कोई बदलाव आए हैं या नहीं. यह स्टडी इसी साल मार्च महीने में शुरू की गई थी.

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यह स्टडी IgG का पता लगाने के लिए की गई थी. IgG यानि Immunoglobulin G, जिसे सबसे आम एंटीबॉडी कहा जाता है. स्टडी में शामिल प्रतिभागियों के पहला डोज प्राप्त करने के बाद 24 हफ्तों तक टाइट्रे समेत कई जानकारियां रिकॉर्ड की गईं. बूस्टर शॉट की जरूरत होगी या नहीं, इस बात का पता करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण की जरूरत है. उन्हें लगता है कि इस स्टडी की आगे की प्रक्रिया ऐसे सबूत जुटाने में मदद करेगी. उन्होंने बताया कि भारत में इस तरह की यह पहली स्टडी है. 

covaxin ICMR RMRC Study Coronavirus Vaccination Covishield antibodies
      
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