मोदी सरकार के मुखर विरोधी इतिहासकार रामचंद्र गुहा और योगेंद्र यादव भी हिरासत में
मोदी सरकार के धुर आलोचक माने जाने वाले ख्यात इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा और समाजशास्त्री योगेंद्र यादव को भी बेंगलुरु पुलिस ने गुरुवार को 30 अन्य लोगों समेत हिरासत में ले लिया.
highlights
- रामचंद्र गुहा और योगेंद्र यादव को बेंगलुरु पुलिस ने 30 अन्य लोगों समेत हिरासत में लिया.
- CAA के खिलाफ गुरुवार को शहर में मार्च निकालने का फैसला किया था.
- गुहा एक समय कांग्रेस के धुर आलोचक रहे हैं. तमाम समस्याओं को कांग्रेस की देन मानते हैं.
Bengaluru:
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में अब बुद्धिजीवी वर्ग भी सड़क पर उतर अपना विरोध दर्ज कराने लगा है. ऐसे ही एक मामले में मोदी सरकार के धुर आलोचक माने जाने वाले ख्यात इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा और समाजशास्त्री योगेंद्र यादव को भी बेंगलुरु पुलिस ने गुरुवार को 30 अन्य लोगों समेत हिरासत में ले लिया. ये सभी सीएए के खिलाफ आयोजित धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. इस कार्रवाई के विरोध में गुहा ने अपने टि्वटर हैंडल से बेंगलुरु पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए बेंगलुरु का नाम बदनाम करने का आरोप लगाया है.
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Dear Police Commissioner, your Government's decision has brought disgrace to this "international destination". This was to be a peaceful protest by citizens who wish to uphold the values of our Constitution. You have used a colonial-era law to suppress us and our voices. https://t.co/cYM2abRKmq
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) December 19, 2019
पुलिस से प्रदर्शनकारियों की झड़प
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को शहर में मार्च निकालने का फैसला किया था. बेंगलुरु पुलिस ने इस प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी थी. पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा था कि बेंगलुरु की ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर की है. ऐसे में ऐसा कोई काम नहीं किया जाए, जिससे इस शहर पर कोई दाग आए. इसके बाद सुबह से ही मुख्य सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. रामचंद्र गुहा भी प्रदर्शनकारियों के साथ मार्च में शामिल हुए, जिसके बाद पुलिस ने गुहा सहित 30 लोगों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है.
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हिंदुत्व पर भी साधा था निशाना
रामचंद्र गुहा ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि हिंदुत्व देश को नुकसान पहुंचा रहा है. वह यह कहने से भी नहीं चुके थे कि हिंदुत्व देश को बर्बाद करके रख देगा. इसके पहले भी गुहा मोदी सरकार की नीतियों की मुखर मुखाफलत करते हए हैं. उन्होंने असहिष्णुता के मसले पर देश के प्रबुद्ध लोगों के साथ राष्ट्रपति को खुला पत्र भी लिखा था. इसके बाद गो हत्या के बढ़ते मामलों पर विरोध जताने के लिए उन्होंने बीफ खाते अपनी फोटो भी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक की थीं. गौरतलब है कि गुरुवार को वामपंथी संगठनों ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 के विरोध में देशव्यापी धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया है.
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कभी कांग्रेस को धुर आलोचक रहे हैं गुहा
यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि रामचंद्र गुहा ने 'इंडिया ऑफ्टर गांधी' और 'इंडिया विफोर गांधी' सरीखी किताबें लिखी हैं. एक समय कांग्रेस को देश की विद्यमान समस्याओं के लिए जिम्मेदार बताने वाले गुहा नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद उनके विरोधी हो गए. खासकर अखलाक कांड और गो हत्या के मसले पर भीड़ द्वारा बेगुनाहों को पीट-पीट कर मारे जाने के बाद तो उन्होंने मोदी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा. ऐसे में नागरिकता संशोधन अधिनियम को संविधान के खिलाफ मानते हुए गुहा गुरुवार को विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे.
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