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ओडिशा में एक बार फिर दाना मांझी की कहानी दोहराई गई। अंगुल में सरकारी अस्पताल में मौत के बाद जब प्रशासन ने गाड़ी देने से मना कर दिया तो मजबूर पिता कंधे पर बेटी के शव को लेकर निकल पड़ा और 15 किलोमीटर के सफर के बाद वह घर पहुंचा। बाद में जब यह मामला मीडिया में आया तो जिला प्रशासन ने दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया।
दरअसल, पालाहाड़ा कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर में इलाज के दौरान गति ढीबर की बेटी की मौत हो गई। शोक में डूबे पिता ने गरीबी का हवाला देते हुए अस्पताल कर्मचारियों से शव को घर पहुंचाने में मदद मांगी। आरोप है कि उस अस्पताल ने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस देन से इनकार कर दिया। जिसके बाद मजबूर पिता को इस तरह से शव को ले जाना पड़ा।
#WATCH: A father carried her daughter's dead body on his shoulders for 15 kms in Angul(Odisha) after he failed to get hearse service (Jan 4) pic.twitter.com/odZKwjK1Dt
— ANI (@ANI_news) January 6, 2017
इस मामले में शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। डिप्टी कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद सुरक्षा गार्ड और अस्पताल के मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया। अंगुल के डीएम अनिल कुमार सामल ने कहा, 'डिप्टी कलेक्टर को मौके पर भेजा गया है। उन्होंने पीड़ित परिवार से बात की है। रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा गार्ड और मैनेजर को सस्पेंड कर दिया गया है। SDMO से भी सफाई मांगी गई है।'
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पिछले कुछ महीने पहले ओडिशा के कालाहांडी में भी इसी तरह का मामला देखने को मिला था। तब दाना मांझी नाम के शख्स को पत्नी के शव को ले जाने के लिए अस्पताल ने एंबुलेंस देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद दाना मांझी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर घर निकल पड़े थे। यह वीडियो सामने के बाद ओडिशा सरकार की किरकिरी हुई थी।
बाद में सरकार ने शव को घर ले जाने के लिए प्रणायाम योजना चलाई लेकिन लगता नहीं है कि दानामांझी जैसी घटनाओं से सरकारी अस्पताल कोई सबक लेने की जरूरत समझते हों
HIGHLIGHTS
- ओडिशा में 15 किलोमीटर तक बेटी का शव कंधे पर लेकर चला शख्स
- अंगुल जिला अस्पताल ने एंबुलेंस देने से किया था इनकार, 2 कर्मचारी सस्पेंड
- कालाहांडी जिले में दाना मांझी केस की दिलाई याद
Source : News Nation Bureau