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एलजी मनोज सिन्हा के मनाने पर भी नहीं माने कश्मीरी पंडित, किया बड़ा ऐलान

कश्मीर में ​बीते दिनों हुई हिंसा को लेकर यहां के स्थानीय नागरिकों में भारी रोष है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि मांगें पूरी होने तक वह नौकरी पर नहीं लौटेंगे.

Updated on: 23 May 2022, 09:32 PM

नई दिल्ली:

कश्मीर में ​बीते दिनों हुई हिंसा को लेकर यहां के स्थानीय नागरिकों में भारी रोष है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने ऐलान किया है कि मांगें पूरी होने तक वह नौकरी पर नहीं लौटेंगे. इसके साथ विरोध प्रदर्शन भी जारी रहेगा. गौरतलब है कि केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सोमवार देर शाम शेखपोरा बड़गाम पहुंचे. उन्होंने कश्मीरी हिंदू राहुल भट्ट की मौत के बाद से धरने पर बैठे कश्मीरी हिंदुओं को सुरक्षा का भरोसा दिया है.

ऑफिस में घुसकर मारी थी गोली

हाल ही में बडगाम में आतंकियों ने चडूरा तहसीलदार ऑफिस के क्लर्क राहुल भट्ट (35) को दफ्तर में घुसकर गोली मार दी थी। इससे उनकी मौत हो गई। राहुल 2010 में पीएम पुनर्वास पैकेज (PMRP) के तहत कश्मीर लौटे थे। वह बडगाम जिले में प्रवासी पंडित कॉलोनी शेखपोरा में अपनी पत्नी और बेटी के साथ रह रहे थे। 

इससे पहले शनिवार को एक कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि आतंकवाद, शांति और समृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा है. आतंकवाद के खात्मे के लिए उसके पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म किया जाना जरूरी है. जम्मू कश्मीर में किसी को भी अशांति फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद को माकूल जवाब दिया जा रहा है. आतंकवाद विरोधी दिवस पर राजभवन में शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों, उपायुक्तों और एसएसपी को आतंकवाद विरोधी शपथ दिलाई गई. 

उपराज्यपाल ने कहा कि हमें शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए मानव जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली ताकतों को प्रतिबद्धता के साथ खत्म किया जा रहा है. युवाओं को सही दिशा की ओर अग्रसर करना हमारी जिम्मेदारी है. इस दौरान देश की एकता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रदांजलि दी गई.