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अन्ना हजारे (ANI)
लोकपाल को लेकर आंदोलन कर चुके समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर भूख हड़ताल करने जा रहे हैं. 30 जनवरी को उनका भूख हड़ताल शुरू होगा. इस बारे में उन्होंने कहा, लोकपाल को लेकर 2013 में ही कानून बन गया था, उसके बाद मोदी सरकार 2014 में सत्ता में आई थी. हमें लगा कि उसके बाद लोकपाल को लेकर कुछ होगा, लेकिन पिछले पांच साल में उन्होंने कुछ नहीं किया. इसलिए मैंने तय किया है कि 30 जनवरी से अपने गांव रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल शुरू करूंगा.
Anna Hazare: Law ( Lokpal&Lokayuktas Act) was made in 2013, then Modi govt came in power in 2014, we felt that something will be done now, but they did nothing in last five years. So I have decided to go on a hunger strike from 30 January, in my village Ralegan Siddhi. pic.twitter.com/UAGIIxk4pf
— ANI (@ANI) January 19, 2019
इससे पहले 17 जनवरी को लोकपाल मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सर्च कमेटी को फरवरी अंत की डेडलाइन दी है, जो देश की पहली भ्रष्टाचार रोधी संस्था लोकपाल के अध्यक्ष और सदस्यों की सिफारिश करेगी. लोकपाल सर्च कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सर्च कमेटी के कामों को पूरा करने के लिए सुविधाएं और मैनपावर को उपलब्ध कराएं. जस्टिस एलएन राव और जस्टिस एस के कौल भी इस बेंच में शामिल थे, जिसने मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च तय की है.
अन्ना हजारे ने लोकपाल नियुक्ति को लेकर पिछले साल 2 अक्टूबर से भी भूख हड़ताल करने की घोषणा की थी, लेकिन महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन से बात करने के बाद उन्होंने भूख हड़ताल को स्थगित कर दिया था. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार पर लोकपाल की नियुक्ति को लेकर टाल-मटोल करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार लोकपाल आंदोलन के कारण केन्द्र की सत्ता में आई, लेकिन चार साल बीतने के बाद भी इसे लागू नहीं कर पाई है.