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अन्ना हजारे की चेतावनी, मोदी सरकार ने मांगें नहीं मानी तो त्याग दूंगा प्राण

लोकपाल आंदोलन से मनमोहन सिंह की सरकार को हिला चुके समाजसेवी अन्ना हजारे ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को आगाह किया है।

Updated on: 25 Dec 2017, 07:28 AM

highlights

  • अन्ना हजारे ने कहा, अगर सरकार ने बातें नहीं मानीं तो आंदोलन में प्राण त्याग दूंगा
  • अन्ना बोले, देश के हालात पहले जैसे हैं, गोरे देश छोड़ कर चले गए, कालों ने राज कर लिया

नई दिल्ली:

लोकपाल आंदोलन से मनमोहन सिंह की सरकार को हिला चुके समाजसेवी अन्ना हजारे ने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार को आगाह किया है। अन्ना हजारे ने कहा कि अगर सरकार ने बातें नहीं मानीं तो आंदोलन में प्राण त्याग दूंगा।

संभल के नगर पालिका मैदान में भारतीय किसान यूनियन (असली) के किसान सम्मेलन में रविवार को कहा, 'भारत को आजाद हुए 70 वर्ष हो गए हैं, लेकिन देश के हालात पहले जैसे हैं। अब तो गोरे देश छोड़ कर चले गए, कालों ने राज कर लिया। दिल्ली में आंदोलन अंतिम होगा। इसमें सरकार को सभी मांगें पूरी करनी होगी नहीं तो आंदोलन में बैठे प्राण त्याग दूंगा।'

अन्ना ने 23 मार्च को दिल्ली में आयोजित आंदोलन में शामिल होने के लिए लोगों का आह्वान किया और कहा कि अगर जेल में जाने को तैयार हों तो दिल्ली में आंदोलन में आना।

आपको बता दें कि अन्ना लोकपाल अब तक नियुक्त नहीं होने को लेकर नाराज हैं। लोकपाल कानून मनमोहन सिंह की सरकार में बना था। लेकिन अब तक अलग-अलग कारणों से लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकी है।

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हजारे ने पिछले दिनों कहा था वह तीन साल में प्रधानमंत्री को 32 पत्र लिख चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक भी पत्र का उन्हें जवाब नहीं मिला है।

उन्होंने कहा था, 'पिछले तीन साल से मैं चुप हूं। जब नई सरकार आती है तो हमें उसे अवश्य कुछ समय देना चाहिए। इसलिए मैं चुप रहा लेकिन अब बोलने का वक्त आ गया है। मजबूत जन लोकपाल और देश के किसानों के लिए अगले साल 23 मार्च से दूसरा आंदोलन शुरू करने जा रहा हूं।'

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