जारी रहेगा अन्ना हजारे का अनशन, सरकारी मसौदे को बताया निरर्थक

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगों को लेकर भेजे गए मसौदे को निर्थक बताते हुए अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया है।

author-image
vineet kumar1
एडिट
New Update
जारी रहेगा अन्ना हजारे का अनशन, सरकारी मसौदे को बताया निरर्थक

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार द्वारा उनकी मांगों को लेकर भेजे गए मसौदे को निर्थक बताते हुए अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को जारी रखने का फैसला किया है।

Advertisment

टीम अन्ना की कोर कमेटी के एक सदस्य सुशील भट्ट ने कहा, 'हमें सरकार का मसौदा मिला लेकिन अन्ना जी ने कहा कि इसमें पुराने वादे किए गए हैं और इसमें कुछ भी नया नहीं है इसलिए यह निरर्थक है। यह सामान्य दस्तावेज है। कम से कम एक मंत्री को उनसे मिलना चाहिए।'

हजारे ने शुक्रवार को कहा था कि वे आंदोलन के समय सरकार से चर्चा करेंगे लेकिन अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का उनका सत्याग्रह तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार किसी ठोस योजना पर नहीं पहुंचती।

आंदोलन के दूसरे दिन रामलीला मैदान में आंदोलनकारियों की भीड़ बढ़ती रही जिनमें ज्यादातर किसान थे जबकि साल 2011 के आंदोलन में सर्वाधिक आक्रोशित रहा मध्यवर्ग कुछ हद तक कम रहा।

शनिवार को आंदोलन में ज्यादातर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के लोग शामिल रहे तथा कुछ लोग महाराष्ट्र और राजस्थान से भी आए।

भट्ट ने कहा कि आंदोलन में रविवार को वास्तव में संख्या बढ़ेगी।

यह भी पढ़ें: चंद्रबाबू नायडू ने शाह की चिट्ठी को किया खारिज, बताया झूठ का पुलिंदा

इस साल जनवरी में सचिवालय के बाहर जहर खाकर जान देने वाले महाराष्ट्र के किसान धर्म पाटिल के बेटे नरेंद्र पाटिल भी इस आंदोलन में भाग लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके पिता की मृत्यु के बाद भी लंबे समय से लंबित मुआवजा नहीं दिया है।

पाटिल ने कहा, 'लिखित में आश्वासन देने के बाद भी महाराष्ट्र सरकार ने मेरे पिता की मृत्यु के बाद किए वादे पूरे नहीं किए। यह धोखेबाजी है। वर्तमान में किसान विरोधी व्यवस्था में मैंने किसानों की आवाज ऊंची उठाने के लिए इस आंदोलन का हिस्सा बनने का फैसला किया है।'

हजारे भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्र और राज्यों में लोकायुक्त नियुक्त करने, चुनाव तंत्र में सुधार और देश में कृषि संकट के हल के लिए एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के राय बरेली से आए शिव प्रसाद राजपूत ने कहा, 'कीमतों में कमी होने के कारण हम भयानक वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं और हमारे पास घरों पर न तो राशन है और न ही पैसा। हम अन्ना जी से उम्मीद लगाए बैठे हैं। मात्र मांगे स्वीकार होने की स्थिति में ही हम अपने घर लौटेंगे।'

यह भी पढ़ें: NIA ने सुनाई ISIS ऑपरेटिव यास्मिन को 7 साल की सजा

Source : IANS

lokpal hunger strike Anna Hazare
      
Advertisment