Advertisment

अब निर्भया के गुनहगारों को जल्द फांसी के लिए मौन व्रत रखेंगे अन्ना हजारे

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने निर्भया मामले में त्वरित न्याय की मांग पर अपने गांव रालेगण सिद्धि में 20 दिसंबर से 'मौन व्रत' शुरू करने का निर्णय किया है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Anna Hazare

अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जताए इरादे.( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने निर्भया मामले में त्वरित न्याय की मांग पर अपने गांव रालेगण सिद्धि में 20 दिसंबर से 'मौन व्रत' शुरू करने का निर्णय किया है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि तुरंत न्याय नहीं मिला तो वह आमरण अनशन शुरू कर देंगे. इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में अन्ना हजारे ने हैदराबाद में जानवरों की डॉक्टर से गैंग रेप और फिर उसे फूंकने वाले गुनहगारों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर चिंता जताते हुए कहा है कि यदि आमजन पुलिस मुठभेड़ का स्वागत करने लगे, तो देश की न्यायिक व्यवस्था के लिए यह एक गंभीर संकेत है.

यह भी पढ़ेंः असम में आंदोलन के चलते जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भारत दौरा स्थगित, गुवाहाटी में होनी थी शिखर वार्ता

न्याय में विलंब से आएगी अराजकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में अन्ना हजारे ने लिखा है, '2012 में दिल्ली में हुए गैंग रेप और फिर उसे मौत के मुहाने तक पहुंचाने वाली दरिंदगी के दोषियों को फांसी की सजा हो चुकी है, फिर भी अब तक सजा पर कोई प्रगति नहीं हुई है. सात साल बीत चुके हैं. यही वजह है कि देश का आमजन हैदराबाद पुलिस मुठभेड़ का स्वागत कर रहा है.' उन्होंने आगे लिखा है, 'न्याय में विलंब लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है और इसका परिणाम अराजकता के रूप में भुगतना पड़ सकता है.' अन्ना हजारे ने हैदराबाद पुलिस मुठभेड़ को इसी से जोड़ते हुए संकेत किया है.

यह भी पढ़ेंः मुस्‍लिम लीग के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती दी

न्यायिक प्रक्रिया के लिए चिंताजनक संकेत
उन्होंने लिखा है, 'इसमें कोई शक नहीं है कि न्याय मिलने में देरी से देश के लोगों में एक गुस्सा पनप रहा था. यही वजह है कि अब यह गुस्सा पुलिस मुठभेड़ों के प्रशस्ति गान के रूप में फूट रहा है. मेरे विचार से भारत की न्यायिक प्रक्रिया के लिए यह एक चिंताजनक संकेत है.' निर्भया को इंसाफ में देरी और त्वरित न्याय बतौर हैदराबाद पुलिस मुठभेड़ के अलावा अन्ना हजारे ने पश्चिम बंगाल की एक घटना का भी जिक्र किया है, जिसमें ऐसे ही एक मामले में 14 अगस्त 2015 को पश्चिम बंगाल में फांसी की सजा हुई थी.

यह भी पढ़ेंः भारत में अवैध रूप से घुसने के प्रयास में पकड़े गए 7 बांग्लादेशी, पूछताछ जारी

मौन व्रत के बाद आमरण अनशन की चेतावनी
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र में लिखा है, 'इसके बाद देश में ऐसे मामलों में फांसी नहीं हुई है. आज की तारीख में 426 दोषी फांसी की सजा का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन किन्हीं न किन्हीं कारणों से वह फंदे तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.' इस पत्र के साथ ही अन्ना हजारे ने पीएम मोदी से निर्भया के गुनहगारों को तुरंत सजा यानी फांसी देने की मांग पर 20 दिसंबर से 'मौन व्रत' रखने की बात कही है. साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसे मामले देश में यत्र-तत्र नहीं हों, इसके लिए सरकार प्रभावी कदम उठाए. ऐसा नहीं होने पर आमरण अनशन की चेतावनी दी है.

HIGHLIGHTS

  • निर्भया के गुनहगारों को तुरंत फांसी के लिए मौन व्रत रखेंगे अन्ना हजारे.
  • ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लगने पर सरकार के खिलाफ करेंगे आमरण अनशन.
  • सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख जताए इरादे.

Source : News Nation Bureau

Indefinite Strike Maun Vrat nirbhaya convicts PM Narendra Modi Anna Hazare
Advertisment
Advertisment
Advertisment