पीएम नरेंद्र मोदी को 'उलाहना' दे निर्भया के गुनहगारों की सजा में देरी पर मौन व्रत पर बैठे अन्ना हजारे
गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग पर मौन व्रत पर बैठ गए हैं. मौन व्रत पर बैठने से पहले अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को एक और चिट्ठी लिखी है.
highlights
- निर्भया के गुनहगारों को जल्द से जल्द सजा की मांग कर रहे थे अन्ना.
- इस बाबत पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी. जवाब न मिलने से आहत.
- 20 दिसंबर से अपने गांव रालेगणसिद्धी में मौन व्रत पर बैठे अन्ना हजारे.
मुंबई:
निर्भया के गुनहगारों को सजा पर टोल-मटोली और इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का कोई भी जवाब न मिलने से आहत गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग पर मौन व्रत पर बैठ गए हैं. मौन व्रत पर बैठने से पहले अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को एक और चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने पहले पत्र का जवाब नहीं मिलने पर दुःख जताते हुए निर्भया को जल्द से जल्द न्याय दिलाने की भी गुहार लगाई है.
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पीएम मोदी को लिखी दूसरी चिट्ठी, फिर बैठे मौन व्रत पर
अन्ना हजारे अपने गांव रालेगणसिद्धी में 20 दिसंबर से ही मौन व्रत पर बैठ चुके हैं. इस कड़ी में अन्ना हजारे ने मौन व्रत पर बैठने से पहले पीएम मोदी को भेजी दूसरी चिट्ठी में लिखा है कि मैंने आपको (पीएम मोदी) 9 दिसंबर 2019 को पत्र लिख कर देश में बढ़ रहे महिला अत्याचार और न्याय मिलने में अदालती प्रक्रिया में विलंब की बात बताई थी. दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि आज तक उसका कोई जवाब नहीं मिला. इसलिए स्मरण दिलाने हेतु दूसरा पत्र लिख रहा हूं.' अन्ना हजारे ने पीएम को लिखी चिट्ठी में स्पष्ट तौर पर कहा है कि निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों को सजा होने तक वह मौन व्रत पर ही रहेंगे. उन्होंने इस चिट्ठी की प्रति गृहमंत्री, कानून मंत्री और सभी राजनीतिक दलों को भी भेजी है.
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चिट्ठी में 14 मांगे रखी हैं
अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी अपनी दूसरी चिट्ठी में पहले पत्र का जवाब ने मिलने का भी उल्लेख करते हुए 14 अन्य मांगें भी रखी हैं. इनमें जिनमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखी गई फांसी की सजा पर बगैर देरी किए अमल, महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में तय समय-सीमा के अंतर्गत फैसला, महिलाओं से जुड़े मामलों के लिए अलग कोर्ट, निर्भया फंड का समुचित उपयोग आदि शामिल हैं. अन्ना हजारे ने पत्र के आखिर में उम्मीद जताई है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ अच्छे फैसले सरकार लेगी.
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सजा में विलंब से नाखुश हैं अन्ना
बता दें कि निर्भया कांड के एक दोषी ने फांसी की सजा को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया. इसके बाद सभी चारों दोषियों के वकील ने इस मामले में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की बात कही है. इसके पास सभी दोषियों के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने का विकल्प भी बचा है. अदालत भी जान चुकी है कि निर्भया के गुनाहगारों के वकील कानूनी पेंच-ओ-खम का फायदा उठा फांसी को हरसंभव टाल रहे हैं. ऐसे में अदालत बचाव पक्ष के वकील को फटकार लगाने के साथ आर्थिक जुर्माना भी लगा चुकी है.
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