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चीन और पाकिस्तान के लिए काल बनेगा अंजी ब्रिज, रेलवे का मेगा प्रोजेक्ट बनकर तैयार

जम्मू कश्मीर में जहाँ चिनाब ब्रिज की दुनिया में चर्चा है, वहीं अंजी खंड रेल ब्रिज भी किसी से कम नहीं है. कटरा से बनिहाल को जोड़ने वाला अंजी खड रेल ब्रिज केबल ब्रिज है. जिसका 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है

Updated on: 26 Mar 2023, 11:01 AM

highlights

  • बदलेगी घाटी की तस्वीर - कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल से आ जा सकेंगे
  • कश्मीर की सर्द हवाओं के बीच, देश को जोड़ने का काम 
  • 24 घंटे 365 दिन लगातार पहाड़ों को चीर कर तैयार किया जा रहा है देश का मेगा प्रोजेक्ट
  • टनल और ब्रिज से जोड़ा जा रहा है रेल मार्ग को 
  • ये है रेलवे का मेगा प्रोजेक्ट केबल बेस अंजी ब्रिज

New Delhi:

जम्मू कश्मीर में जहाँ चिनाब ब्रिज की दुनिया में चर्चा है, वहीं अंजी खंड रेल ब्रिज भी किसी से कम नहीं है. कटरा से बनिहाल को जोड़ने वाला अंजी खड रेल ब्रिज केबल ब्रिज है. जिसका 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है. 111 किलोमीटर इस रेल ट्रैक में अंजी ब्रिज भी बड़ी भूमिका निभाने वाला है. न्यूज़ नेशन आज आपको रियासी ज़िले के दुर्गम  पहाड़ियों के बीच अंजी ब्रिज लेकर चल रहा है.  213 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाएं हो या फिर 8 तीव्रता वाला भूकंप या फिर 40 किलो से ज़्यादा विस्फोटक. इस अंजी ब्रिज का बाल भी बांका नही कर सकती. ये है घाटी को कन्याकुमारी से जोड़ने वाला ब्रिज - अंजी ब्रिज. 725 मीटर लंबे और 331 मीटर ऊंचे इस ब्रिज की खासियत है.

ये लंबे लंबे केबल जिनसे ये ब्रिज मज़बूती से जमा हुआ है. अंजी ब्रिज दो पहाड़ियों के ठीक बीच में है और दोनों तरफ टनल है. एक तरफ टी2 टनल है तो दूसरी तरफ टी3 टनल है. टी2 और टी3 टनल 8.5 किलोमीटर लंबी टनल हैं. जिसके बीच में 725 मीटर लंबी दूरी अंजी खण्ड रेल ब्रिज तैयार हो रहा है. अंजी खड रेल केबल ब्रिज भारत का पहला ऐसा रेल ब्रिज है जो दुर्गम पहाड़ियों के साथ साथ केबल से जुड़ा. पहला तकनीक का कारनामा है. अंजी ब्रिज में 96 केबल लगी हुई हैं जिसमें 48 केबल एक तरफ है.

वहीं अंजी खड ब्रिज में केबल में HDPE यानी हाई डेंसिटी पोली एथलीन पाइप का इस्तेमाल किया गया है. जो इसे काफी मज़बूती और फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करता है. अंजी ब्रिज को तीन भागों में बांटा गया है. फाउंडेशन से ब्रिज तक कि ऊंचाई 51 मीटर है, वहीं उसके दूसरे ऊपरी हिस्से की ऊंचाई 71 मीटर है उससे ऊपर फिर 71 मीटर की ऊंचाई है. अंजी खड से टॉप तक ब्रिज की ऊंचाई 341 मीटर है. 368 करोड़ की लागत से तैयार हुआ. ये ब्रिज रियासी जिले के साथ देश का पहला केबल रेल ब्रिज हो गया है. अंजी ब्रिज के साथ कनेक्ट होती टनल पर भी काम तेजी से चल रहा है. अंजी ब्रिज से दो टनल सीधे जुड़ी हैं पहली टनल T2 और दूसरी टनल T3 है जिसकी कुल लंबाई 8 किलोमीटर से ज़्यादा है. भारत में ऐसे मेगा प्रोजेक्ट्स के तैयार होने का समय आ चुका है जल्द फर्राटे के साथ अंजी ब्रिज से ट्रेन गुज़रेगी.

अंजी ब्रिज से स्थानीय लोगों की ज़िन्दगी में बदलाव आ रहा है जिन गांवों में बिजली नहीं थी वहां बिजली पहुंच चुकी है सड़क बन चुकी है. घाटी में तैयार हो रहे इस ब्रिज से जम्मू कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ दिया जाएगा. यानी वो दिन दूर नहीं जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक छुक छुक रेल का सफर होगा.