New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2021/06/26/anil-deshmukh-85.jpg)
महाराष्ट्र के गृह मंत्री का पद छोड़ने के बाद देशमुख की बढ़ रही मुश्किल( Photo Credit : न्यूज नेशन)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
महाराष्ट्र के गृह मंत्री का पद छोड़ने के बाद देशमुख की बढ़ रही मुश्किल( Photo Credit : न्यूज नेशन)
महाराष्ट्र (Maharashtra) के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उनके खिलाफ कथित मनी लांड्रिंग (Money Laundering) की जांच तेजी पकड़ती जा रही है. शुक्रवार को सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नागपुर स्थित उनके घर पर छापेमारी की थी. अब ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 10 बार मालिकों ने दावा किया है कि उन्होंने अनिल देशमुख को 4 करोड़ रुपए की रिश्वत दी. जांच अधिकारियों ने धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के प्रावधानों के तहत छापे मारे. देशमुख के नागपुर में जीपीओ चौक स्थित आवास और उनके निजी सहायक संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे के मुंबई स्थित परिसरों की तलाशी ली गयी.
अब सबूत की तलाश में ईडी
ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक देशमुख मुंबई में हैं और एजेंसी वहीं उनसे पूछताछ कर सकती है. ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद देशमुख और कुछ अन्य के खिलाफ पिछले महीने धन-शोधन रोकथाम कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर एक मामला दायर करने के बाद प्रारंभिक जांच की थी, जिसके बाद ईडी ने मामला दर्ज किया था. उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए कहा था. अधिकारियों ने बताया कि तलाशी लेने वाले दल अतिरिक्त सबूत की तलाश कर रहे हैं, जो उनकी जांच में अहम साबित हो सकते हैं.
यह भी पढ़ेंः डेल्टा प्लस वेरिएंट के फैलने से चौकन्नी हुई सरकार, 8 राज्यों को लिखा पत्र
बार संचालकों ने सौंपी थी देशमुख को रकम
ईडी करीब 10 बार संचालकों के दर्ज बयानों के आधार पर सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है. इन बार संचालकों ने पूछताछ में दावा किया था कि उन्होंने चार करोड़ रुपये की रिश्वत दी, जिसे पूर्व गृह मंत्री देशमुख को कथित तौर पर सौंपा गया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएमएलए के तहत एजेंसी ने उनके बयान दर्ज किए हैं और अतिरिक्त साक्ष्य जुटाने का प्रयास चल रहा है. आरोपों के बाद अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा देने वाले देशमुख ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया है. एजेंसी की जांच उस आरोप पर केंद्रित है कि महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों के तबादलों, नियुक्तियों में अवैध धन अर्जित किया गया और क्या पुलिसकर्मियों से अवैध वसूली की गई, जैसा परमबीर सिंह ने अपनी शिकायत में दावा किया है.
HIGHLIGHTS