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परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, महाराष्ट्र में सियासी तनाव जारी

Anil Deshmukh Case: महाराष्ट्र की सियासी उठापटक के बीच आज यानि बुधवार का दिन बेहद अहम रहने वाला है. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

Updated on: 24 Mar 2021, 07:05 AM

highlights

परमबीर सिंह की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सियासी तनाव के बीच उद्धव ठाकरे और देशमुख की मुलाकात
परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर लगाए हैं भ्रष्टाचार के आरोप

नई दिल्ली:

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के 'लेटरबम' के बाद महाराष्ट्र की राजनीति तूफान मचा हुआ है. अनिल देशमुख के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र CBI जांच की मांग करने वाली परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार यानि आज सुनवाई करेगाय यह मामला न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ में सुना जाएगा. परमबीर सिंह की ओर दाखिल की गई इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से उनके तबादले को ‘मनमाना’ और ‘गैरकानूनी’ होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है. परमबीर सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने के साथ ही गृहमंत्री अनिल देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है.

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उद्धव ठाकरे और अनिल देशमुख की मुलाकात
गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार शाम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं की बैठक में पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट पर भी चर्चा हुई. दरअसल, मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उस चिट्ठी का जिक्र किया था, जो राज्य के इंटेलिजेंस विभाग की अफसर रश्मि शुक्ला की ओर से लिखी गई थी. इसी चिट्ठी में रश्मि ने पुलिस के कुछ बड़े अफसरों और अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में शामिल होने का दावा किया, सबूत के तौर पर कुछ फोन रिकॉर्डिंग होने की बात भी कही गई थी.

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परमबीर के क्या आरोप?
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि उन्होंने फरवरी में कुछ पुलिस अफसरों को वसूली का टारगेट दिया था. तभी से बीजेपी गृह मंत्री अनिल देशमुख से इस्तीफे की मांग कर रही है. एनसीपी चीफ शरद पवार साफ कह चुके हैं कि वह अनिल देशमुख के साथ हैं. उन्हें उनके पद से नहीं हटाया जाएगा. इस मामले में उन्होंने फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर छोड़ दिया है.