आंध्र सरकार ने चंद्रबाबू नायडू के निवास 'प्रजा वेदिका' को कब्जे में लिया, सामान निकाल कर बाहर फेंका
तेदेपा नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी समानों को बाहर फेंक दिया.
highlights
- पूर्व सीएम के आवास 'प्रजा वेदिका' पर आंध्र सरकार का कब्जा
- सरकार ने सामान घर से बाहर फिंकवाया
- नायडू ने कहा ये बदले की कार्यवाही
नई दिल्ली:
आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSR Congress Party) की सरकार ने शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू (Ex CM Chandra Babu Naidu) के यहां स्थित आवास 'प्रजा वेदिका' (Praja Vedika) को अपने कब्जे में ले लिया. तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति कोई सद्भावना नहीं दिखाई, क्योंकि उनके सामनों को यहां उंदावल्ली स्थित इमारत के बाहर फेंक दिया गया.
नायडू तब से कृष्णा नदी के किनारे उंदावल्ली स्थित इस आवास में रह रहे थे, जब से आंध्र प्रदेश ने अपना प्रशासन हैदराबाद से अमरावती स्थानांतरित किया था. हैदाबाद अब तेलंगाना की राजधानी बन गया है. प्रजा वेदिका का निर्माण सरकार ने आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (APCRDA) के जरिए तत्कालीन मुख्यमंत्री आवास के एक विस्तार के रूप में किया था. पांच करोड़ रुपये में निर्मित इस आवास का इस्तेमाल नायडू आधिकारिक उद्देश्यों के साथ ही पार्टी की बैठकों के लिए करते थे.
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नायडू ने इस महीने के प्रारंभ में मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखकर इस ढाचे का उपयोग बैठकों के लिए करने देने की अनुमति मांगी थी. उन्होंने सरकार से आग्रह किया था कि वह इसे नेता प्रतिपक्ष का आवास घोषित कर दे. लेकिन सरकार ने प्रजा वेदिका को कब्जे में लेने का शुक्रवार निर्णय लिया और घोषणा की कि कलेक्टरों का सम्मेलन वहां होगा. पहले यह सम्मेलन राज्य सचिवालय में होना तय था. नायडू इस समय परिवार के सदस्यों के साथ विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं.
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तेदेपा नेता और विधान परिषद के सदस्य अशोक बाबू ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने नायडू के निजी समानों को बाहर फेंक दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि परिसर को कब्जे में लेने के सरकार के निर्णय के बारे में पार्टी को सूचित तक नहीं किया गया. नगरपालिका मंत्री बोत्सा सत्यनारायण ने हालांकि तंज कसा और कहा कि नायडू के साथ उसी तरह का बर्ताव किया जाएगा, जिस तरह का बर्ताव जगन मोहन रेड्डी के साथ किया गया था, जब वह नेता प्रतिपक्ष थे.
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