अंडमान और निकोबार प्रशासन ने आने वाले चक्रवात आसनी को ध्यान में रखते हुए 21 मार्च से एहतियात के तौर पर केंद्र शासित प्रदेश के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया है। द्वीपों के कुछ हिस्सों में दोपहर से ही भारी बारिश शुरू हो गई है।
प्रशासन ने फोरशोर सेक्टर में जागीरदारों के सभी निर्धारित नौकायन को भी रद्द कर दिया है और यात्रियों को हेल्पलाइन नंबर : 03192-245555/232714 या टोल फ्री नंबर 1-800-345-2714 से अपडेट प्राप्त करने की सलाह दी है।
इस बीच, यूटी में तैनात एनडीआरएफ की टीमों ने एहतियात के तौर पर संवेदनशील क्षेत्रों में गिरे पेड़ों को रास्तों से हटा दिया है और उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सचेत करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया है।
अरक्कोनम बेस पर 18 मार्च को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की चार बटालियन की पांच टीमों को पोर्ट ब्लेयर के लिए एयरलिफ्ट किया गया था और एनडीआरएफ कर्मियों को सभी जरूरी उपकरणों के साथ खोज और बचाव कार्य करने के लिए तैनात किया गया था।
अंडमान और निकोबार के मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश की सभी एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की और सभी अधिकारियों को नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया।
भारत मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण 21 मार्च तक 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चक्रवाती तूफान आने की संभावना है। बाद में इसकी रफ्तार 90 किमी प्रति घंटे तक तेज हो सकती है।
केंद्रीय गृह सचिव ने 17 मार्च को बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवात को देखते हुए सभी केंद्रीय एजेंसियों और विभागों की तैयारियों की समीक्षा की।
यूटी प्रशासन भी आपातकालीन आपूर्ति के लिए पर्याप्त स्टॉक और आबादी की रक्षा व बुनियादी ढांचे की बहाली के उपायों के साथ तैयार है।
इस बीच, मछली पकड़ने, पर्यटन और शिपिंग गतिविधियों को रोक दिया गया है। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे कुछ और दिनों तक समुद्र में न जाएं।
थलसेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक दलों को भी आने वाले चक्रवात के मद्देनजर सतर्क किया गया है। जरूरत पड़ने पर केंद्रीय मंत्रालय केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की मदद के लिए तैयार है।
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Source : IANS