सुप्रीम कोर्ट ने TikTok ऐप पर जल्द सुनवाई का दिया आश्वासन, मद्रास हाई कोर्ट पहले ही लगा चुका है प्रतिबंध

वीडियो शेयरिंग एप टिक टॉक (Tik Tok) लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो चुका है, लेकिन इस एप पर अश्लीलता को बढ़ाने के आरोप भी लगते आए हैं.

वीडियो शेयरिंग एप टिक टॉक (Tik Tok) लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो चुका है, लेकिन इस एप पर अश्लीलता को बढ़ाने के आरोप भी लगते आए हैं.

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Deepak Pandey
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सुप्रीम कोर्ट ने TikTok ऐप पर जल्द सुनवाई का दिया आश्वासन, मद्रास हाई कोर्ट पहले ही लगा चुका है प्रतिबंध

टिक टॉक (फाइल फोटो)

वीडियो शेयरिंग एप टिक टॉक (Tik Tok) लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो चुका है, लेकिन इस एप पर अश्लीलता को बढ़ाने के आरोप भी लगते आए हैं. इसी तरह के एक मामले में इस ऐप (App) पर मद्रास हाई (Madras Hingh Court) कोर्ट ने पाबंदी लगा दी है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस ऐप पर गौर किया जाएगा.

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टिक टॉक ऐप पर रोक का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. हालांकि, कोर्ट ने जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया है. ऐप बनाने वाली कंपनी ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक से मांग की है. हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि ऐप की डाउनलोडिंग पर रोक लगे. मीडिया से भी कहा था कि इस ऐप से बने वीडियो का प्रसारण न करे. बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस एप के जरिए अश्लीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार को भी इस एप पर पाबंदी लगा देनी चाहिए.

मद्रास में टिक टॉक के बैन होने के बाद टिक टॉक बयान देते हुए कहा कि टिक टॉक लोकल कानून (Law) और नियमों को मानने के लिए प्रतिबद्ध है. वह आईटी (IT) रूल्स 2011 के नियमों का पालन कर रहा है. कंपनी ने कहा था कि वह अभी कंपनी हाई कोर्ट के आधिकारिक ऑर्डर का इंतजार कर रही है. एक बार ऑर्डर मिल जाने पर कंपनी इसका रिव्यू करेगी और इस दिशा में सही कदम उठाएगी.

ये खासियत है टिक टॉक की

यह एक सोशल मीडिया ऐप्लिकेशन है, जिसे आप स्मार्टफोन पर यूज कर सकते हैं. इस ऐप के जरिए स्मार्टफोन यूजर छोटे-छोटे वीडियो बना सकते हैं. हालांकि, इसमें वीडियो की समयसीमा भी तय रहती है. ज्यादा से ज्यादा आप इसमें 15 सेकेंड तक के वीडियो बना सकते हैं.

टिक टॉक को 2016 में चीनी कंपनी 'बाइट डान्स' ने लॉन्च किया था. हालांकि, इसकी लोकप्रियता साल 2018 से तेजी से बढ़ी और अक्टूबर 2018 में ये अमेरिका में सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप्लिकेशन बन गया. अमेरिका में टिक टॉक पर 40 करोड़ का जुर्माना भी लग चुका है.

गूगल प्ले स्टोर पर टिक-टॉक का परिचय 'Short videos for you' (आपके लिए छोटे वीडियो) कहकर दिया गया है. टिक-टॉक को प्ले-स्टोर पर परिभाषित कहते हुए लिखा गया है- टिक-टॉक मोबाइल से छोटे-छोटे वीडियो बनाने का कोई साधारण जरिया नहीं है. इसमें कोई बनावटीपन नहीं है, ये रियल है और इसकी कोई सीमाएं नहीं हैं. टिक-टॉक पर आइए और 15 सेकेंड में दुनिया को अपनी कहानी बताइए.

डाउनलोड के मामले में भारत भी पीछे नहीं है. भारत में इसके डाउनलोड का आंकड़ा 100 मिलियन के ज्यादा है. एक रिपोर्ट के अनुसार इसे हर महीने लगभग 20 मिलियन भारतीय इस्तेमाल करते हैं. भारत में टिक-टॉक की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आठ मिलियन लोगों ने गूगल प्ले स्टोर पर इसका रिव्यू किया है.

सबसे दिलचस्प बात ये है कि 'टिक-टॉक' इस्तेमाल करने वालों में एक बड़ी संख्या गांवों और छोटे शहरों के लोगों की है. टिक-टॉक की दीवानगी सात-आठ साल की उम्र के छोटे-छोटे बच्चों के तक के सिर चढ़कर बोल रही है. टिक-टॉक से वीडियो बनाते वक्त आप अपनी आवाज का इस्तेमाल नहीं कर सकते. आपको 'लिप-सिंक' करना होता है, यानि गाने या डायलॉग के हिसाब से होंठ चलाने पड़ते हैं.

An appeal has been filed in the Supreme Court against Madras High Court order banning TikTok app
      
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