पंजाब के अमृतसर में दशहरे के मौके पर हुए भयानक हादसे ने त्योहार की खुशियों को चंद सेकेंड में मातम में बदल दिया. रेलवे ट्रैक पर रावण का पुतला देख रहे सैंकड़ों लोग मौत के मुंह में समा गए. इस हादसे का खौफनाक मंज़र देख लोगों के रोंगटे खड़े हो गए. चारों तरफ चीख पुकार, शवों के बिखरे टुकड़े , ट्रैक पर बिखरे खून का खौफनाक मंज़र जिसने देखा वो दहल गया. अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था. जैसे ही पुतले में पटाखे का विस्फोट होना शुरू हुआ और आग की लपटें तेज हुईं, लोग पीछे खिसकते हुए रेल पटरी पर चले गए.
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कुछ लोग रावण दहन देखने के लिए पहले से ही रेल पटरी पर खड़े थे, जिनको रौंदती हुई ट्रेन आगे बाद गई. इस हादसे में प्रशासन, आयोजकों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. इस भयानक हादसे में 60 लोगों की मौत हो गई जबकि पचास लोग घायल हो गए. इससे पहले भी त्योहारों की खुशियों को ग्रहण लग चूका है. इस हादसे ने पटना और केरल में हुए हादसे को एक बार फिर लाकर खड़ा कर दिया है.
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केरल में 32 साल पहले त्यौहार के मौसम में मातम का माहौल पसर गया था. केरल के तिल्लीचेरी में सैंकड़ों की तादाद में लोग आतिशबाजी देखने के लिए एकत्रित हुए थे. ऐसा कहा जाता है की कुछ पटाखें वहां लोगों पर गिर पड़े जिसके बाद भगदड़ मच गई. इस हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई थी और 100 लोग घायल हो गए थे. सामने से आने वाली ट्रेन एक्सप्रेस ट्रेन थी इसलिए वो रुक नहीं पाई और लोग उसकी चपेट में आ गए.
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चार साल पहले पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान भगदड़ मच गई थी. जब लोग पटना के गांधी मैदान से वापस लौट रहे थे तो कुछ लोगों ने तेज़ चलने के लिए आवाज़ निकालनी शुरू कर दी. वहां हज़ारों की संख्या में लोग थे, हल्ला शुरू होने पर भगदड़ मच गई. भीड़ बहुत ज़्यादा होने के कारण प्रशासन के हाथ से स्थिति निकल गई. 2014 में हुए हादसे में 33 लोगों की मौत हो गई थी और 29 लोग घायल हो गए थे.
Source : News Nation Bureau