अमृतसर में दशहरे के मौके पर हुए दिल दहला देने वाले ट्रेन हादसे ने सभी के रौंगटे खड़े कर दिए. जश्न का माहौल शुक्रवार शाम को मातम के माहौल में पसर गया. चारों तरफ चीख पुकार मची हुई थी और लाशों के टुकड़े बिखरे हुए थे, जो काफी खौफनाक मंज़र था. पटाखों की आवाज़ में रेलवे ट्रैक पर खड़े कई लोगों को तेज़ गति से आती ट्रेन की आवाज़ सुनाई नहीं दी, जिसके बाद ट्रैक पर खड़े लोग ट्रेन की चपेट में आ गए. इस हादसे में 60 लोगों की मौत हो गयी जबकि 50 लोग घायल हो गए.
इस हादसे के बाद रेलवे का बयान सामने आया है. रेलवे का कहना है कि रेलवे पटरियों पर लोगों का पुतला दहन देखने के लिए इकठ्ठा होना 'स्पष्ट रूप से अतिक्रमण का मामला' था. रावण दहन के कार्यक्रम के लिए रेलवे से माज़ूर नहीं ली गयी थी. ट्रैक पर इतनी भीड़ होने के बावजूद ट्रेन ड्राइवर द्वारा गाड़ी नहीं रोके जाने को लेकर सवाल उठने पर एक अधिकारी ने कहा, ‘वहां काफी धुआं था जिसकी वजह से चालक कुछ भी देखने में असमर्थ था और गाड़ी घुमाव पर भी थी.’
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा कि मुख्य लाइन के नज़दीक दशहरा के कार्यक्रम को लेकर रेलवे प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी गयी. रेलवे ट्रैक के पर लोग दशहरा देख रहे थे, उन्हें सतर्क रहने की जरूरत थी. इस घटना के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहरना गलत है. यह मेन लाइन है और यहां स्पीड को लेकर कोई सीमा नहीं है. इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश है और त्योहार के दिन देशभर में लोग गमगीन हैं.
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर शोक व्यक्त किया.
अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में रेलवे ट्रैक के नजदीक रावण का पुतला जलाया जा रहा था. जैसे ही पुतले में पटाखे का विस्फोट होना शुरू हुआ और आग की लपटें तेज हुईं, लोग पीछे खिसकते हुए रेल पटरी पर चले गए. कुछ लोग रावण दहन देखने के लिए पहले से ही रेल पटरी पर खड़े थे.
उसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही ट्रेन तेज रफ्तार से आई और बड़ी तादाद में लोगों को अपनी चपेट में लेते हुए गुजर गई. ट्रेन को वहां से गुजरने में महज 10 से 15 सेकेंड लगे, ट्रेन के गुजरते ही क्षत-विक्षत शव दूर-दूर तक बिखर गए और घायलों की चीख-पुकार मच गई.
बताया जाता है कि रावण दहन के दौरान पटाखे की गूंज की वजह से लोग ट्रेन की सीटी की आवाज नहीं सुन सके. रावण के जलने के दौरान आग की लपटें तेज होने की वजह से लोग दशहरा स्थल से रेल पटरी पर जाकर नजारा देखने लगे.
Source : News Nation Bureau