केंद्रीय वित्त निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया और सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुड़े कई अहम ऐलान किए हैं। हालांकि किसान संगठन नाखुश नजर आ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि, बजट खेती के लिए नकारात्मक है। बजट में केवल अमृत महोत्सव, गतिशक्ति, ई विधा जैसे शव्दों का मायाजाल है। कृषि में पूंजी निवेश के माहौल के लिए कोई योजना नहीं है और देश की वित्त मंत्री को बजट के लिए शून्य नंबर देते हैं।
दरअसल बजट में सरकार ने कृषि सेक्टर में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का ऐलान किया है। वहीं वित्त मंत्री ने धान और गेहूं की खरीद के लक्ष्य को बढ़ाने का फैसला किया है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, किसानों के लिए बजट रूटीन प्रकिया का हिस्सा है। इससे किसानों का कल्याण संभव नहीं है। वहीं सरकार किसानों से बदले की भावना से कार्य कर रही है। तिलहन के उत्पादन को आप इसलिए बढ़ाना चाहते हैं कि ताड़ की खेती आप कॉरपोरेट को सौंपना चाहते हैं। यह खेती भूमिगत जल व पर्यायवर्णीय ²ष्टि से उचित नही है।
बजट पर भारतीय किसान यूनियन ने बयान जारी कर कहा है कि, बजट में खेती में वित्तीय आबंटन को कम किया गया है। पिछले साल के मुकाबले कुल बजट का कृषि के आबंटन भी कम कर दिया गया है। किसानों की आय दोगुनी करने, किसान सम्मान निधि के आबंटन में वृद्धि न करना, फसल बीमा योजना के लिए आबंटन कम करना, फसलों की खरीद हेतु प्रधानमंत्री आशा स्कीम में आबंटन घटाना, वहीं पराली न जलाने के लिए आबंटन को खत्म करना, आदि में जीएसटी की दरों में राहत न देने आदि से स्पष्ट है कि कृषि की बजट में इतनी उपेक्षा आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं हुई है।
दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि यह अगले 25 साल की बुनियाद का बजट है, आधुनिक बुनियादी ढांचे पर निवेश की योजना है। इस बजट में आम निवेश को बढ़ावा मिलेगा, वहीं अगले 3 सालों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदेभारत ट्रेनें लाई जाएंगी। वहीं तकनीक से जुड़े विकास पर सरकार का ध्यान है, हम चुनौती उठाने की मजबूत स्थिति में हैं।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS