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देश में कांग्रेस और ओडिशा में बीजेडी की वजह से गरीबों को नहीं मिला फायदा: अमित शाह

अमित शाह बोले, कांग्रेस ने दशकों तक इस देश पर राज किया लेकिन ग़रीबों के लिए साधारण सुविधाएं जैसे कि गैस कनेक्शन, मेडिकल और बिजली तक मुहैया नहीं करा पाई.

Updated on: 29 Jan 2019, 03:31 PM

नई दिल्ली:

2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है. मंगलवार को इसी क्रम में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ओडिशा के कटक में कांग्रेस पर आधारभूत सुविधा लोगों तक पहुंचाने में विफल रहने का आरोप लगया है. अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस ने दशकों तक इस देश पर राज किया लेकिन ग़रीबों के लिए साधारण सुविधाएं जैसे कि गैस कनेक्शन, मेडिकल और बिजली तक मुहैया नहीं करा पाई. वहीं ओडिशा में केंद्र सरकार की स्कीम का फ़ायदा ग़रीब लोगों तक राज्य सरकार की संकीर्ण मानसिकता की वजह से नहीं पहुंच पाई है.'

इससे पहले राज्य की बीजेडी (बीजू जनता दल) सरकार ने केन्द्र की आयुष्मान भारत योजना को खारिज कर दिया था जिसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने उन पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि इस निर्णय से राज्य के लाखों लोग इस स्वास्थ्य योजना के लाभों से वंचित रह जायेंगे. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लागू करने को लेकर भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकरार की स्थिति बनी हुई थी.

गौरतलब है कि राज्य में अगले वर्ष लोकसभा चुनावों के साथ राज्य विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में बीजेपी दोनों चुनावों में जीत दर्ज करना चाहती है. बीजेपी के प्रमुख अमित शाह ने ओडिशा में 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में 147 सीटों में से 120 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है. पार्टी अपनी लोकसभा की सीटों को काफी हद तक बढ़ाने की बात भी कर रही है.

इस समय बीजेपी के ओडिशा में 147 सदस्य विधानसभा में 10 विधायक हैं जबकि राज्य की कुल 21 लोकसभा सीट में से उसके पास 1 सीट है.

वहीं बीजेडी (बीजू जनता दल) सरकार लगातार पांचवी बार सत्ता में आने को बेकरार है. बीजू जनता दल सरकार ने सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए 2018 में कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है जिसमें से एक योजना 'बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना' और राज्य की अपनी खाद्य सुरक्षा योजना शामिल है.

पटनायक समेत अन्य बीजेडी नेताओं का कहना है कि विकास और कल्याण की कई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किये जाने से बीजेडी फिर से सत्ता में आयेगी. पटनायक 2000 से यहां मुख्यमंत्री हैं.

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जबकि विपक्ष आरोप लगाता रहा कि यह सब वोटरों को लुभाने और वोट हथियाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. बीजेपी और कांग्रेस ने दावा किया है कि नवीन पटनायक का शासन लंबे समय तक सत्ता में रहने के चलते सत्ता विरोधी लहर से ढह जाएगा.