गुजरात दंगों पर बोले अमित शाह- PM मोदी पर गलत आरोप लगाए गए
गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 में गुजरात दंगों को लेकर SC के फैसले, मीडिया की भूमिका, गैर सरकारी संगठनों के राजनीतिक दलों, न्यायपालिका में मोदी के विश्वास पर बात की।
नई दिल्ली:
गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 में गुजरात दंगों को लेकर SC के फैसले, मीडिया की भूमिका, गैर सरकारी संगठनों के राजनीतिक दलों, न्यायपालिका में मोदी के विश्वास पर बात की। एक इंटरव्यू उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है. अमित शाह ने आगे कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है, तो अब आनंद आ रहा है.
#WATCH 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा। मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/mDZTtB2ryu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 25, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज किया है। आप कह सकतें हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे. 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा। मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है.
गुजरात दंगे के मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिन लोगों ने मोदी जी पर आरोप लगाए थे अगर उनकी अंतरात्मा है तो उन्हें मोदी जी और बीजेपी नेता से माफी मांगनी चाहिए. मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था और हमने कानून को सहयोग दिया और मेरी भी गिरफ़्तारी हुई थी लेकिन कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ था. मोदी जी की भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था और हमने कानून को सहयोग दिया और मेरी भी गिरफ़्तारी हुई थी लेकिन कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ था.
अमित शाह ने आगे कहा कि लेकिन दिल्ली में सेना का मुख्यालय है, जब इतने सारे सिख भाइयों को मार दिया गया, 3 दिन तक कुछ नहीं हुआ। कितनी SIT बनी? हमारी सरकार आने के बाद SIT बनी। ये लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं? जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है हमने कोई लेटलतीफी नहीं की, जिस दिन गुजरात बंद का एलान हुआ था उसी दिन हमने सेना को बुला लिया था।गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देरी नहीं की थी और कोर्ट ने भी इसका प्रोत्साहन किया है..
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