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गृहमंत्री अमित शाह (स्रोत-राज्यसभा)
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) को लेकर किए गए सवालों का जवाब दिया है. अमित शाह ने बताया कि आखिर जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में क्यों नहीं कराया था?. उन्होंने कहा कि ये फैसला मेरा नहीं था, बल्कि सुरक्षा बलों ने एक साथ चुनाव कराने में असमर्थता जताई थी.
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अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) और विधानसभा चुनाव (Assembly elections) एक साथ न कराने के फैसला सुरक्षा बलों का था. सुरक्षा बलों ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में एक साथ चुनाव न कराएं. उन्होंने सभी प्रत्याशियों को सुरक्षा देने में असमर्थता जताई थी.
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साथ ही गृहमंत्री ने आगे कहा, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा. कश्मीरी पंडित अपने ही देश में दर-दर की ठाकरें खा रहे हैं. कश्मीर पंडितों को बाहर निकालना कहां तक सही है. क्या कश्मीरी पंडित कश्मीरियन नहीं हैं. सूफी-संतों को कश्मीर से खदेड़ दिया गया. लेकिन अब वक्त आ गया है जब कश्मीर में कश्मीरी पंडित मंदिरों में पूजा करते दिखाई देंगे.
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उन्होंने आगे कहा, 'राष्ट्रपति शासन के दौरान हमने स्कूल चालू कराया. हमारी सरकार कश्मीर के लोगों को घरों तक बिजली और गैस पहुंचाई है. सस्ता आनाज, खाना, वृद्धा पेंशन भी पहुंचाई है. अटल जी रास्ते पर हमारी सरकार चल रही है.'