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अधीर रंजन चौधरी को सोने नहीं देगा अमित शाह का ये जवाब, देखें तस्वीर

गृह मंत्री ने शांति निकेतन के उप-कुलपति क़ई तरफ से मिले स्पष्टीकरण और अपनी यात्रा की तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा कि वो कभी भी गुरुदेव रविंद्र नाथ टेगौर की कुर्सी पर नहीं बैठे.

Updated on: 09 Feb 2021, 07:22 PM

नई दिल्ली :

कांग्रेस नेता अधीर रंजन की तरफ से रबिन्द्र नाथ टैगोर के अपमान के आरोप लगाए गए, जिस गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में मंगलवार को जोरदार पलटवार किया. उन्होंने कहा कि उन पर टैगोर के अपमान का आरोप गलत है और गलत आरोप लगाना कांग्रेस पार्टी की मानसिकता है. गृह मंत्री ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि टैगोर की कुर्सी पर वो नहीं बैठे थे, बल्कि इस कुर्सी पर जवाहर लाल नेहरू बैठे थे. गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी शान्ति निकेतन यात्रा को लेकर विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी के बीच की गई टिप्पणियों पर सदन में स्पष्टीकरण दिया.

गृह मंत्री ने शांति निकेतन के उप-कुलपति क़ई तरफ से मिले स्पष्टीकरण और अपनी यात्रा की तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा कि वो कभी भी गुरुदेव रविंद्र नाथ टेगौर की कुर्सी पर नहीं बैठे. बल्कि उस खिड़की पर बैठे थे जहां पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रतिभा पाटिल और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री समेत कई मेहमान नेता बैठ चुके थे. इसके साथ ही गृह मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और राजीव गांधी की तस्वीरें दिखाकर दावा किया कि इसके दोनों नेता टेगौर के सोफे पर बैठे थे. इतना ही नहीं अधीर रंजन चौधरी पर तीखा हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि सोशल मीडिया से अपुष्ट खबरें लेकर सदन में रखना अनुचित है.

अमित शाह ने आगे कहा कि मैं तो उस कुर्सी पर नहीं बैठा, लेकिन मेरे पास दो फोटो हैं, जिसमें एक पर जवाहर लाल नेहरू उस कुर्सी पर बैठे दिख रहे हैं. दूसरी फोटो में राजीव गांधी टैगोर साहब के सोफे पर बैठकर चाय पीते दिख रहे हैं. उन्होंने जेपी नड्डा जी के नाम का भी उल्लेख किया है. मैंने नड्डा जी के भाषण को पूरा सुना है. मैं चैलेंज करता हूं कि नड्डा ऐसा बोले हैं तो उसे रिकॉर्ड पर रखें. जो उन्होंने कल कहा है, ऐसा नड्डा जी कहीं नहीं बोले हैं.

अमित शाह ने लोकसभा में उत्तराखंड आपदा को लेकर कहा कि उत्तराखंड सरकार ने ये बताया है कि बाढ़ से निचले क्षेत्र में अब कोई खतरा नहीं है और साथ ही साथ जलस्तर में भी कमी आ रही है. केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां स्थिति पर लगातार कड़ी निगाह रखे हुए हैं. उत्तराखंड सरकार से मिली जानकारी के अनुसार, चमोली हादसे में अभी भी 197 व्यक्ति लापता है. इस आंकड़े में परिवर्तन संभव है. 25 से 35 लोगों के फंसे होने की संभावना है.